Jagdalpur news today : सर्प दंश के मरीजों को मिला नया जीवनदान, घंटो निगरानी में मरीजों को रखा जाता है


Jagdalpur news today : जगदलपुर। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इस माह चिकित्सकों के साथ ही जेआर, स्टाफ नर्स, ईटर्न, आदि के द्वारा किए गए उपचार के चलते 10 सर्प दंश के मरीजों को नया जीवनदान मिला, जिसके बाद इन परिवार के लोगों ने चिकित्सकों से लेकर स्टाफ नर्स आदि को धन्यवाद दिया,

Jagdalpur news today : मामले के बारे में जानकारी देते हुए एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर जॉन मसीह ने बताया कि बस्तर के दिनों में सर्प दंश के काफी मामले देखने को मिलते है, जिसमें ज्यादातर देखा जाता है कि मजदूर किसान अपने खेतों में काम करने के दौरान, सोने के समय, रात को काम के दौरान व कई ऐसे मामले सामने आते है, जहां किसानों को या मजदूरों को साप के द्वारा डस लिया जाता है, जिसके बाद मरीजों को उपचार के लिए मेकाज लाया जाता है, जिसमें मेकाज में उपलब्ध एंटी स्नैक वैनम की दवा देने के साथ ही उन्हें 24 घंटे निगरानी में रखने के साथ ही उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में बेहतर देखभाल के लिए रखा जाता है, जिसका परिसाद यह निकलता है कि 10 मरीजों को नया जीवनदान मिला है,

Jagdalpur news today : चिकित्सकों ने बताया कि मेकाज में कई ऐसे मामले देखने को मिला है, जिसमें सर्प दंश के बाद मरीजों को उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र ना लाकर घर में ही जड़ी बूटी के अलावा बैगा गुनिया के चक्कर में फसकर इलाज किया जाता है, ऐसे में साप का जहर तेजी से फैलने के चलते मरीजों की मौत हो जाती है, ग्रामीणों में इस बात को देखना चाहिए कि जैसे ही मरीज को साप के द्वारा डसा जाता है, उन्हें यथाशीघ्र अस्पताल लाना चाहिए, मरीज को साप के डसते ही तुरंत हॉस्पिटल लाकर उन्हें एंटी स्नैक वैनम की दवा देनी है, जिससे मरीज की जान को आसानी से बचाया जा सके,

चिकित्सकों ने बताया कि मरीजों में रामधर 40 वर्ष निवासी तोंगपाल, अर्जुन 23 वर्ष कोलावंड, तुलेश कुमार 25 वर्ष कोड़ेनार, जीतू 13 वर्ष बीजापुर, पिंकी 25 वर्ष बीजापुर, बालमति 28 परपा, मेहतर 69 वर्ष पलवा परपा, जगबंधु 50 ईराकोट परपा, वीरू 22 बस्तर, चंद्रिका 24 कोंडागांव के अलावा राजेश 18 कटेकल्याण शामिल है,

मेकाज में जुलाई माह में कई ऐसे मरीज आए, जिन्हें भर्ती करने के बाद 24 घंटे से लेकर 36 घंटे तक निगरानी में रखा जाता है, इसे में कई मरीज ठीक होने के बाद चिकित्सकों के द्वारा बताए गए सुझाव को उन्ही के अनुसार करने की बात कहते हुए अपने मरीज का ध्यान रखने के साथ ही वही मरीज पूरी तरह ठीक होने के बाद उपलब्ध दवा को लेने के बाद ही घर जाते है,


साप के डसने के बाद मरीज बिहोश होने के साथ ही उसके मुंह से झाग आना शुरू हो जाता है, या कई बार मरीज के डसे हुए हिस्से में सूजन आना शुरू हो जाता है, इन सबके अलावा कई बार मरीजों को सास लेने में तकलीफ होती है, इन सबके अलावा मेकाज में मिलने वाले एंटी स्नैक वेनम की उपलब्धता के चलते मरीजों की जान बच सकी, इन मरीजों की जान बचाने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ अनुरूप साहू ने डॉक्टरों, स्टाफ नर्स , ईटर्न की पूरी को बधाई दी है,