इन 5 फील्ड में जॉब्स होंगी खत्म: समय के अनुसार नए काम सीखें, रहेंगे सुरक्षित


टेक्नोलॉजी के कारण भविष्य में परिवर्तन तेजी से होंगे, इतनी तेजी से कि शायद इंसानों का दिमाग उनके साथ एडजस्ट न कर पाए और वे उसे झटके की तरह लगें। तेजी से बदलती दुनिया में वही लोग टिक पाएंगे जो लगातार पुरानी सीखी हुई चीजों को भूलकर नई-नई चीजें सीख पाएंगे।

‘ये करिअर होने वाले हैं खत्म, सावधान!’ के पहले आर्टिकल में हमने देखा कि क्यों ट्रैवल एजेंट्स, कैशियर /अकाउंटेंट /बैंकर, ट्रांसलेटर और इंटरप्रेटर्स, मूवी थिएटर वर्कर्स और ड्राइवर्स की जॉब्स को खतरा है।

आइए ऐसे ही कुछ और करिअर्स के बारे में चर्चा करें।

ये पांच करिअर होने वाले हैं खत्म, सावधान!

1) शारीरिक श्रम वाली नौकरियां

ऑटोमेशन और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी की तीव्र प्रगति के साथ, कारखाने के श्रमिकों, असेंबली लाइन पर कार्य करने वाले कर्मचरियों, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स जैसे शारीरिक श्रम वाली जॉब्स की मांग में अगले 10 वर्षों में गिरावट देखी जा सकती है। कई फैक्ट्रियों में मानव श्रमिकों की जरूरत बहुत कम होने की संभावना है।

उदाहरण के लिए, टेस्ला मोटर्स के निर्माण में केवल 16 रोबोट्स के इस्तेमाल से 5 हजार मानव श्रमिकों की आवश्यकता कम हो गई। उसी प्रकार अमेजन ने अपने कई वेयर हाउसेस और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को ऑटोमैटिक कर दिया है। 2019 में अमेजन ने यह घोषणा की कि वह अपने कर्मचारियों को रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के अधिक तकनीकी कामों को सिखाने के लिए 700 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।

बर्गर बनाने से लेकर, न्यूज़ पढ़ने तक और हेल्थकेयर में सभी जगह नए नए रोबोट्स आ रहे हैं। इसके अलावा भारत जैसे देशों में फरवरी और मार्च में ही अत्यधिक गर्मी (हीट वेव्स) के आने का ट्रेंड हो चला है। बड़ी संख्या में बाहर काम करने वालों के लिए ये एक चुनौती बनने लगा है।

2) डाटा एंट्री क्लर्क और रिसेप्शनिस्ट (Data Entry clerks and Receptionists)

वॉइस रिकग्निशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के बढ़ते उपयोग के साथ, कुछ एडमिनिस्ट्रेटिव भूमिकाएं जैसे- डेटा एंट्री क्लर्क और रिसेप्शनिस्ट को ऑटोमैटिक सिस्टम द्वारा बदला जा सकता है।

मैक्डोनॉल्ड और वेंडी जैसी कंपनियां सेल्फ-सर्विस कियोस्क का उपयोग कर रही हैं। गूगल और अमेजन जैसी कंपनियों ने वर्चुअल असिस्टेंट को विकसित किया है, जैसे कि गूगल असिस्टेंट और अमेजन का एलेक्सा, जो फोन कॉल का उत्तर दे सकते हैं, अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं और आमतौर पर रिसेप्शनिस्ट द्वारा नियंत्रित अन्य प्रशासनिक कार्य कर सकते हैं।

UiPath और Automation Anywhere जैसी कंपनियों ने रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (RPA) सॉफ्टवेयर विकसित किया है। ये सॉफ्टवेयर डेटा एंट्री ऑपरेटरों की जरूरत को खत्म करते हुए ऑटोमैटिक रूप से डेटा को फॉर्मटे्स और एप्लिकेशंस में इनपुट कर सकता है।

3) ट्रैडीशनल रिटेल (खुदरा) जॉब्स

भारत में ई-कॉमर्स तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और ऑनलाइन खरीददारी में वृद्धि के साथ बिक्री सहयोगियों जैसी पारंपरिक खुदरा नौकरियों की मांग में गिरावट देखी जा सकती है। आज हम अमेजन, फ्लिपकार्ट और मिंत्रा आदि वेबसाइट्स से मनचाहा सामान घर बैठे मंगा सकते हैं। कोविड महामारी ने इस ट्रेंड को बढ़ा दिया है।

इन वेबसाइट्स से खरीदे गए सामानों की कीमत भी ज्यादातर रिटेल स्टोर्स से खरीदे गए सामानों की तुलना में कम होती है, क्योंकि उन्हें मंहगी रिटेल जगहों को खरीदना या किराये पर नहीं लेना होता। उन्हें केवल अपने वेयर हाउसेज (स्टोरेज रूम की तरह) और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स को मैनेज करना होता हैं, जिन पर रिटेल स्टोर की तुलना में कम खर्च होता है। तो रिटेल जॉब्स पर इसका असर हो सकता है।

4) लीगल रिसर्च और फाइनेंशियल एनालिसिस

AI और मशीन लर्निंग में प्रगति के साथ, लीगल रिसर्च और फाइनेंशियल एनालिसिस जैसी कई प्रकार की व्यावसायिक सेवाओं की नौकरियों को ऑटोमैटिक किया जा सकता है।

जेपी मॉर्गन चेस द्वारा विकसित किए गए वर्चुअल असिस्टेंट – COiN (Contract Intelligence) का उल्लेख जरुरी है, जो कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा और व्याख्या करने के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है, जिससे मानव वकीलों और लीगल प्रोफेशनल्स की आवश्यकता कम हो जाती है। COiN का उपयोग 12,000 से अधिक वाणिज्यिक ऋण समझौतों को संसाधित करने के लिए किया गया है, जो मानव कर्मचारियों द्वारा पहले किए गए सैकड़ों-हजारों घंटों के काम को कम करता है।

5) डाक और कूरियर सेवाएं (Postal and Courier services)

मुझे अपनी बुआ द्वारा मेरे पिताजी को नियमित रूप से लिखे हुए अंतर्देशीय पत्र और पोस्टकार्ड्स याद आते हैं। आप खुद सोच कर देखिए आपने आखिरी बार कागज पर पत्र कब लिखा था। ई-मेल और डिजिटल कम्युनिकेशन के उदय के साथ, डाक और कूरियर सेवाओं की मांग में गिरावट जारी रह सकती है।

दुनिया के इंटरनेट यूजर्स की सबसे बड़ी आबादी में से एक भारत में है और डिजिटल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के उदय का देश में डाक और कूरियर उद्योग, खास पर तौर पर पर्सनल और प्रोफेशनल कम्युनिकेशन पर प्रभाव पड़ा है। अब कूरियर और पोस्टल सर्विसेज का मुख्यत प्रयोग सामानों को भेजने के लिए ही किया जाता है।

सारांश

हमने आज देखा कि पांच फील्ड्स में जॉब्स का संकट गहराने वाला है। इसलिए इन फील्ड्स में काम करने वाले लोगों के लिए जरूरी है कि वे दूसरी स्किल्स सीखना भी शुरू कर दें। जिससे भविष्य में उनके पास रोजगार के लिए एक से ज्यादा विकल्प हों।