Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (11 नवंबर) को राष्ट्रपति भवन में जस्टिस संजीव खन्ना को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ दिलाई। जस्टिस खन्ना छह महीने की अवधि के लिए CJI का कार्यभार संभालेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ जस्टिस हैं। जस्टिस खन्ना का नाम सीजेआई के लिए जिन्हें निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रस्तावित किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त हुआ है।
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था और उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। अपने लंबे करियर में उन्होंने संवैधानिक कानून, कराधान, वाणिज्यिक कानून, मध्यस्थता और पर्यावरण कानून जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम किया। दिल्ली उच्च न्यायालय में उन्हें 2005 में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने। इसके बाद उनका न्यायिक सफर महत्वपूर्ण योगदानों से भरा रहा है, जिसने उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया।
जस्टिस खन्ना दे चुके है कई ऐतिहासिक फैसले
2019 में, जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए। जस्टिस खन्ना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिससे केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने का मौका मिला। इसके साथ ही, जस्टिस खन्ना ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के मामले में देरी के आधार पर जमानत को मान्यता दी।
2024 में वीवीपैट (VVPAT) स्लिप्स के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिका पर जस्टिस खन्ना ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रक्रिया (EVM) की विश्वसनीयता पर भरोसा जताया और कहा कि वर्तमान प्रक्रिया सुरक्षित और विश्वसनीय है। इस फैसले ने चुनावी प्रणाली में लोगों का विश्वास बनाए रखने में मदद की। जस्टिस संजीव खन्ना मौजूदा समय में नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा, जस्टिस खन्ना भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं। जस्टिस खन्ना न्यायिक सेवाओं और प्रशिक्षण में कई सुधार लाने के लिए सक्रिय रहे हैं। जस्टिख खन्ना कई बार कह चुके हैं कि न्यायिक प्रणाली को सरल और सुलभ बनाना आवश्यक है, ताकि न्याय हर व्यक्ति तक पहुंच सके।
केवल 6 महीनों तक के लिए सीजेआई के रूप में देंगे सेवा
मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल केवल छह महीने का होगा, लेकिन इस अवधि में उनसे न्यायपालिका में सुधार और महत्वपूर्ण फैसलों की उम्मीदें हैं। उनके पिछले अनुभवों और निर्णयों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह न्यायपालिका में मजबूत दृष्टिकोण और संवेदनशीलता के साथ कार्य करेंगे। राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण के बाद, देश की न्यायपालिका के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू होगा, जिसमें जस्टिस खन्ना का योगदान बेहद महत्वपूर्ण होगा।