Khalistani Terror Sikh : भारतीय एजेंसियों के रडार पर है ये टॉप दहशतगर्द



Khalistani Terror Sikh : पिछले कुछ महीनों में तीन खूंखार खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की मौत के बाद खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून का नाम सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर अब सबसे ऊपर है. पंजाब में राजद्रोह समेत 22 आपराधिक मामलों का सामना कर रहा पन्नून कनाडा में बैठकर खालिस्तानी आतंकवाद को संचालित कर रहा है.

चाहे वह पिछले साल मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट चालित ग्रेनेड हमला हो, एक ऑडियो संदेश में श्रीनगर में रहने वाले कश्मीरी मुसलमानों को दिल्ली जाने और जी 20 शिखर सम्मेलन को बाधित करने के लिए कहा गया हो, या कई मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों को टेलीफोन के माध्यम से हत्या की धमकी दी गई हो, ये सभी ऑडियो संदेश पन्नून द्वारा स्थापित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े हुए हैं.

Khalistani Terror Sikh : पिछले हफ्ते ही पन्नुन ने ‘शहीद निज्जर की हत्या पर भारत जनमत संग्रह’ कराने की घोषणा की थी. उसमें सवाल रखा गया: क्या भारतीय उच्चायुक्त वर्मा हरदीप सिंह निज्जर की ‘हत्या’ के लिए जिम्मेदार हैं? उसने ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में 29 अक्टूबर को खालिस्तान जनमत संग्रह-द्वितीय आयोजित करने की भी घोषणा की.

निज्जर की हत्या के बाद से कई कट्टरपंथी कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं. वे कह रहे हैं कि एक महीने के भीतर सिख अलगाववादियों की तीन हत्याएं हुईं. उनका कहना है: क्या तीन खालिस्तानी आतंकियों की अचानक हत्या में कोई पैटर्न है? कनाडा ने सोमवार को एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए अपनी धरती पर निज्जर की हत्या की जांच के बीच एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया. इसके जवाब में भारत ने भी उसके एक राजनयिक को देश से निकाल दिया.

Khalistani Terror Sikh : गुरपतवंत सिंह पन्नून चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से पास आउट है. उसके खिलाफ पंजाब और हिमाचल प्रदेश में धमकी देने, सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने समेत कई आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं. आपराधिक गतिविधियों में उसकी सहभागिता को देखते हुए भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पर बैन लगा दिया था. इसके साथ ही नए कानून के तहत पन्नून को आतंकी भी घोषित कर दिया.

भारत की ओर से इतना कड़ा कदम उठाए जाने के बावजूद कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में SFJ की गतिविधियां लगातार जारी हैं. इन देशों में बड़ी संख्या में भारत से गए सिख रहते हैं, जिनमें से कई अलगाववादी खालिस्तानी विचारधारा से जुड़े हैं. उन खालिस्तानी सिखों के जरिए गुरपतवंत सिंह पन्नून वहां भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने में लगा है.

कई प्रवासी भारतीयों का कहना है कि गुरपतवंत सिंह पन्नून जैसे लोग अल्पसंख्यकों, विशेषकर सिखों के खिलाफ अत्याचार का प्रोपेगंडा और भारतीय अधिकारियों को गाली देकर धन जुटा रहे हैं. उन्हें कनाडा समेत पाकिस्तान, चीन और तुर्की जैसे देशों से भी मोटा फंड मिल रहा है.

बताते चलें कि 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख खालिस्तानी नेता परमजीत सिंह पंजवार की लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं 15 जून को खालिस्तान समर्थक और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के ‘गुरु’ अवतार सिंह खंडा की ब्रिटेन के एक अस्पताल में कैंसर से मौत हो गई. इसके तीन दिन बाद 18 जून को, कनाडाई नागरिक और प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केअीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी.