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latest news today नगपुरा/दुर्ग। तपोभूमि भूमि श्री उवसग्गहरं पाश्र्व तीर्थ नगपुरा में शनिवार को चातुर्मासार्थ विराजित प.पू. साध्वीश्री मैत्रीप्रिया श्री जी मसा की मासक्षमण तप(30 उपवास) की अनुमोदना निमित्ते भव्य जुलूस एवं धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए सरल स्वभावी प.पू. साध्वी श्री मुक्तिप्रिया श्री जी म.सा. ने कहा कि मनुष्य का शरीर एक अद्भुत मशीन है जिसमें सबसे जटिल अंग दिमाग होता है जो पूरे शरीर को नियंत्रित करता है। दिमाग से ही विचारों की उत्पत्ति होती है।
latest news today हमारे दैनिक जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह की (विचार) चलते रहते है शरीर ही सभी धर्मो (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है इसलिए शरीर को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है। क्योंकि सारे कर्तव्यों और कार्यों को सिद्धि इसी शरीर के माध्यम से ही होनी है। शरीर की रक्षा करना और निरोगी रहना मुनष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। शरीर में उत्पन्न होने वाले रोगों का निदान भी शरीर की सपना से ही संभव है। बाल्य चिकित्सा कितना भी कारगर और आधुनिक हो लेकिन स्वयं के जीवन शैली खान-पान, रहन-सहन हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है शरीर की सुरक्षा के लिए आहार जरूरी है। यहीं शरीर की शुद्धि के लिए समय-समय पर उपवास आदि साधना भी जरूरी है।
latest news today शरीर की स्वस्थता मन की विचारों पर भी निर्भर करता है। हमारी सोच हमारे जीवन की दिशा तय करता है। हम सकारात्मक सोच के साथ सदैव प्रसन्न रह सकते हैं, हजारों से संबंध एवं व्यवहार स्थापित कर सकते हैं. हजारों के प्रति सद्भावना रखकर स्वयं के साथ दूसरों का कल्याण कर सकते है स्व-पर कल्याण की भावना ही मानव जीवन की सार्थकता है। नकारात्मक विचार हमें समाज से व्यक्ति से दूर तो करता ही है स्वयं की पहचान से भी दूर कर देता है। नकारात्मक वातावरण में हम दूसरों के प्रति नफरत द्वेष की दुर्भावना रखते हैं, इससे दूसरों के जीवन में आंशिक रूप से प्रभाव पड़ता है लेकिन हमारे स्वयं के जीवन में हम बहुत कुछ खो जाते हैं नकारात्मक भावना हमारे जीवन की प्रगति में बाधक होती है, कभी-कभी हमें अपमानित भी होना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में भी अपमान करने वाले के प्रति स्वयं के हृदय में सद्भावना करुणा और दया का भाव रखें औरों के लिए अच्छा सोचना स्वयं के लिए आत्मप्रकाश प्रज्जवलित करना है। धर्मसभा में राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, मद्रास, मुम्बई, पूना आदि स्थानों श्रद्धालुओ की उपस्थिति रही। इस अवसर पर इंदौर से आये सिनियर सिटीजन ग्रुप के यात्रियों का तीर्थ प्रबंधन की ओर से मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन, राजेन्द्र गोलछा, चंद्रकुमार फत्तेपुरिया ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। जुलूस यात्रा एवं धर्मसभा का संचालन संतोष यादव ने किया। गुरूकुल के विद्यार्थी एवं आरोग्यम् के साधकों ने कार्यक्रम में भाग लिया।