जेलस से पता करवाओं फांसी कैसा दर्द, फिर दूसरा तरीका निकालेंगे: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ये मांग की गई है कि गरिमापूर्ण मृत्यु के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाए।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ये मांग की गई है कि गरिमापूर्ण मृत्यु के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि फांसी एक बेहद तकलीफदेह और दर्द देने वाला और लंबा तरीका है और इसकी जगह थोड़े समय में मौत की सजा देने के तरीके अपनाए जाएं।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि फांसी की सजा पाने वाले व्यक्ति को मृत घोषित करने में 40 मिनट तक का समय लगता है। वहीं गोली मारने में कुछ मिनट और जहरीले इंजेक्शन से ये काम 5 से 9 मिनट में पूरा हो जाता है।

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता की इस दलील से सहमति जताई है कि फांसी की सजा अमानवीय और बेहद क्रूर है। इस कारण पीठ ने सरकार से भी राय मांगी है।

2 मई को इस मामले पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि बात आगे बढ़ी तो फांसी का विकल्प खोजने के लिए एक्सपर्ट की कमेटी बनाई जाएगी जो ज्यादा आसान मौत देने का वैज्ञानिक तरीका सुझाएगी।

चीफ जस्टिस डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें NLU, AIIMS समेत कुछ बड़े अस्पतालों के साइंटिफिक डेटा की जरूरत है। फांसी लगने के बाद मौत होने में कितना समय लगता है। फांसी से कितना दर्द होता है, फांसी के लिए किस तरह के संसाधनों की जरूरत होती है।

कोर्ट ने पूछा कि क्या यह अभी भी सबसे अच्छा तरीका है? साइंस और टेक्नोलॉजी के आज के ज्ञान के आधार पर और क्या बेहतर मानवीय तरीके हो सकते हैं। यदि कोई अच्छा तरीका मिलता है तो हम उसे मौत की सजा देने के लिए अपना लेंगे।

दुनिया में मौत की सजा देने के अलग-अलग तरीके

1. जहरीला इंजेक्शन : अमेरिका, फिलीपींस, चीन, थाईलैंड, ताइवान, मालदीव और वियतनाम जैसे देशों में जहरीले इंजेक्शन से मृत्युदंड दिया जाता है।

2. करेंट से मृत्युदंड: मृत्युदंड देने के तरीके को मानवीय बनाने के लिए इस तरीके का ईजाद किया गया था। जेल वार्डन के निर्देश पर ऑब्जर्वेशन रूम से पावर सप्लाई को ऑन कर दिया जाता है। 30 सेकेंड तक 500 से 2000 वोल्ट की पावर सप्लाई दी जाती है। कुछ देर शरीर को ठंडा होने के लिए छोड़ने के बाद डॉक्टर कैदी की जांच करते हैं। अगर धड़कनें चल रही हों तो दोबारा पावर ऑन किया जाता है।

3. जहरीला गैस चैंबर: एक लंबा स्टेथोस्कोप कैदी के साथ अटैच होता है। इससे चैंबर के बाहर से डॉक्टर जांच कर मौत हुई है या नहीं इसकी जांच करता है।

4. गोली मारकर मौत की सजा

  • अमेरिका, ब्राजील, इंडोनेशिया और नॉर्थ कोरिया जैसे देशों में गोली मारकर मृत्युदंड दिया जाता है।
  • अमेरिका में इस तरीके से तभी मृत्यदंड देने की अनुमति है, जब राज्य जहरीले इंजेक्शन से मृत्युदंड देने में सक्षम नहीं होता है।
  • इस तरीके में अपराधी को एक कुर्सी पर लेदर के पट्टे से बांध कर बैठा दिया जाता है। कुर्सी के आस-पास बालू की बोरियां रखी होती हैं ताकि वह ब्लड को सोख ले।
  • डॉक्टर स्टेथोस्कोप से कैदी का हर्ट मार्क कर देता है। 5 शूटर पॉइंट 30 कैलिबर राइफल के साथ 20 फीट की दूरी पर खड़े होते हैं। कई देशों में शूटर्स 3 भी होते हैं।
  • एक स्लॉट से सभी शूटर्स फायर करते हैं और ज्यादा खून बहने से कैदी की मृत्यु हो जाती है।

5. पथराव से मौत की सजा

  • सूडान में अडल्ट्री के लिए अब भी पथराव कर मौत की सजा का प्रावधान है।
  • सूडान के अलावा अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, मलेशिया, माली, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों में पथराव कर अब भी मौत की सजा सुनाई जाती है।
  • पथराव से मौत की सजा देने की शुरुआत प्रचीन इजराइल से मानी जाती है।
  • यूनाइटेड नेशन्स ह्यूमन राइट्स कमिशन इस तरह से सजा देने को लेकर कई बार चिंता जता चुका है। इसमें भी महिलाओं को इस तरह से सजा देने को लेकर कड़ी आपत्ति रही है।