भारत में मिला लिथियम : प्रोडक्शन कामयाब रहा तो दुनिया में लिथियम की डिमांड पूरी कर सकता है भारत


जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। इसकी कीमत करीब 3.3 लाख करोड़ रुपए है। जिओग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी GSI ने 9 फरवरी को इसकी जानकारी दी। भारत, चीन से 80% लिथियम खरीदता है। अब लिथियम का जो भंडार मिला है, वह चीन के कुल भंडार से करीब 4 गुना ज्यादा है। ऐसे में अगर भारत इस लिथियम के प्रोडक्शन में कामयाब हो जाता है, तो वह खाड़ी देशों जितना अमीर बन सकता है।

कतर : 12000 वर्ग किलोमीटर में फैला ये देश 1922 तक बसावट के काबिल नहीं समझा जाता था। यहां रहने वालों में बड़ी आबादी मछुआरों और मोती चुनने वालों की थी। ये खानाबदोश थे, जो अरब देशों में भ्रमण किया करते थे। 1930-40 के दौर में जब जापान ने मोती का प्रोडक्शन शुरू किया तो कतर की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई। लोग बेहतर विकल्पों की तलाश में यहां से पलायन करने लगे, देश की आबादी घटकर महज 24 हजार तक सिमट कर रह गई थी।

दुनिया का सबसे हल्का मेटल

लिथियम एक सॉफ्ट और लाइट वेट मेटल है, इतना सॉफ्ट क आप इसे अपने घरेलू चाकू से भ्ज्ञी काट सकते हैं और इतना हल्का कि ये पानी में तैरने लगता है। ये मेटल केमिकल एनर्जी को स्टोर करके इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल देता है।

बैटरी से चलने वाले हर डिवाइस में लिथियम

लिथियम आपके घर की दीवारों पर लगी घड़ी से लेकर, आपके लैपटॉप, मोबाइल, रिस्ट वॉच और हर उस डिवाइस का हिस्सा है जो बैटरी से चल रही है। इन उपकरणों की बैटरी में लिथियम सबसे ज्यादा होता है।

व्हाइट गोल्ड से भी जाना जाता

लिथियम की ग्लोबल डिमांड की वजह से इसे व्हाइट गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है। इटरनेशनल मार्केट में एक टन लिथियम की कीम 57.36 लाख रुपए है। इस कैलकुलेशन के हिसाब से भारत में मिले लिथियम की कीमत 3.3 लाख करोड़ रुपए आंकी जा रही है।

लिथियम बैटरी की प्रॉपर्टी

  • लाइफ- 10-15 साल
  • रिचार्ज- 4000 बार
  • एन्वायरमेंट पर असर- कम
  • चार्जिंग टाइम- फास्ट

दुनिया में लिथियम की डिमांड पूरी कर सकता है भारत

ग्लोबल लेवल पर हर साथ करीब एक लाख मीट्रिक टन लिथियम का प्रोडक्शन होता है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी फॉर कास्ट के मुताबिक दुनिया की डिमांड पूरी करने के लिए इसके प्रोडक्शन को 40 गुना तक बढ़ाना होगा।
2028 तक लिथियम बैटरी मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में इन्वेस्टमेंट 9 लाख 12 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ जाएगा। अनुमान के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल का ग्लोबल मार्केट 2030 तक 823.75 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

भारत अब भी 2030 तक कॉमर्शियल व्हील में 70 प्रतिशित, प्राइवेट कोरों में 30 प्रतिशत, टू-थ्री व्हीलर में 80 प्रतिशत हो जाएगा।

  • भारत इलेक्ट्रिकल व्हीकल से रिप्लेस करना चाहता है। 2070 तक हमारा जीरों कार्बन एमिशन का लक्ष्य है।
  • भारत ने सबसे ज्यादा 3500 करोड़ से ज्यादा का लिथियम चीन से खरीदा है। ये उसके टोटल लिथियम इम्पोर्ट का 53.76 प्रतिशत है।