बीमार एवं बंद उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स नीति लागू, ये छूट भी मिल रहे…

रायपुर। अर्थव्यवस्था के मानकों के हिसाब से देखें तो किसी राज्य के विकास में उद्योगों की भूमिका अहम मानी जाती है। उद्योग रोजगार सृजन करने के साथ ही राज्य की विकास दर में भी वृद्धि करता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में लागू नवीन औद्योगिक नीति से राज्य में निवेश बढ़ा है। राज्य सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में बंद एवं बीमार उद्योग के लिए नई नीति लागू की है।

रायपुर। अर्थव्यवस्था के मानकों के हिसाब से देखें तो किसी राज्य के विकास में उद्योगों की भूमिका अहम मानी जाती है। उद्योग रोजगार सृजन करने के साथ ही राज्य की विकास दर में भी वृद्धि करता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में लागू नवीन औद्योगिक नीति से राज्य में निवेश बढ़ा है। राज्य सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में बंद एवं बीमार उद्योग के लिए नई नीति लागू की है। इससे बंद एवं बीमार उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और वे बेहतर तरीके से संचालित हो पायेंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू लॉजिस्टिक्स नीति की मदद से निर्यात में बढ़ोतरी के साथ ही कृषि सहित अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व भंडारण को प्रोत्साहन मिलेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक नीति-2022 राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक विकास को बढ़ावा देने, देश के कुल निर्यात में राज्य का योगदान बढ़ाने, राज्य में उपलब्ध खनिज सम्पदा का समुचित दोहन, सुदूर अंचलों में कृषि को प्रोत्साहित करने एवं अनाज तथा अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व भण्डारण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स नीति-2022 (01 नवम्बर 2019 से 31 अक्टूबर 2024) लागू की गई है। इस नीति के तहत लॉजिस्टिक, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, एकल स्वामित्व, साझेदारी, कंपनी, सीमित दायित्व साझेदारी, सहकारी समिति, हिन्दू अविभाजित परिवार, स्वयं सहायता समूह तथा कृषक उत्पादक संगठन द्वारा किए जाने पर औद्यौगिक निवेश प्रोत्साहन की पात्रता है।

इस नीति के अंतर्गत उद्यमों में किये गये स्थायी पूंजी निवेश का 35-55 प्रतिशत तक अधिकतम राशि रूपये 35-350 लाख तक स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, 50-60 प्रतिशत अधिकतम राशि रूपये 10-55 लाख तक ब्याज अनुदान, वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ करने के तिथि से 5-8 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट, स्टॉम्प शुल्क से छूट तथा परिवहन वाहन अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।