इस वाट्सग्रुप में तय होती है विधवा महिलाओं की शादी, जानें कैसे होती है शादी…

सोशल डेस्क। कोई बैंड बाजा नहीं, पटाखों की आवाज नहीं, कोई समारोह नहीं. इस दुल्हन की बारात में सिर्फ दो छोटे बच्चे मौजूद थे- एक 11 साल की लड़की और एक 9 साल का लड़का. लाल साड़ी, हाथों में चूड़ियां और माथे पर टीका पहने इस दुल्हन के चेहरे की मुस्कुराहट किसी नूर से कम नहीं लग रही थी.

सोशल डेस्क। कोई बैंड बाजा नहीं, पटाखों की आवाज नहीं, कोई समारोह नहीं. इस दुल्हन की बारात में सिर्फ दो छोटे बच्चे मौजूद थे- एक 11 साल की लड़की और एक 9 साल का लड़का. लाल साड़ी, हाथों में चूड़ियां और माथे पर टीका पहने इस दुल्हन के चेहरे की मुस्कुराहट किसी नूर से कम नहीं लग रही थी. 

ये कहानी है प्रचिता धीसे की जिन्होंने कोरोना के दूसरी लहर के दौरान अपने पति को खो दिया था. पति को खोने के बाद प्रचिता ने शायद ही सोचा होगा कि उसे एक बार फिर कोई ऐसा मिलेगा जो न सिर्फ उसके साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहे बल्कि उसके बच्चे को भी अपना मानेगा.

लेकिन प्राचिता को ऐसा साथी मिल ही गया और उसने पितृसत्ता के सारे नियमों को तोड़ते हुए अपने दो छोटे बच्चों की उपस्थिति में पुनर्विवाह किया. प्राचिता और उसके पति के इन कदम ने कोरोना लहर में अपने जीवनसाथी खो चुके लाखों विधवा, तलाकशुदा और विधुर को आगे बढ़ने की हिम्मत दी है.

एक व्हाट्सएप मैट्रिमोनी ग्रुप ऐसा भी

दरअसल भारत के घोर पितृसत्तात्मक समाज में जहां महिलाओं की दूसरी शादी को बुरा माना जाता है, एक व्हाट्सएप मैट्रिमोनी ग्रुप ऐसा भी है जो अब तक महाराष्ट्र की 22 महिलाओं को एक बार फिर प्यार पाने में मदद कर चुका है. 

इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यह व्हाट्सएप ग्रुप एक एनजीओ, ‘कोरोना एकल महिला पुनर्वसन समिति’ द्वारा बनाया गया था. इस ग्रुप में खास तौर पर वो महिलाएं हैं जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपने पति को खो दिया था. शुरुआत में ये ग्रुप महिलाओं की मदद के लिए खोला गया था बाद में इसमें पुरुष भी जुड़ने लगे. वर्तमान में इस व्हाट्सअप ग्रुप में विधुर, तलाकशुदा और कुंवारे सहित लगभग 150 से ज्यादा पुरुष शामिल हैं. 

सास चाहती थी बहू का फिर से बसे घर 

महाराष्ट्र के अकोला जिले में रहने वाली प्रचिता ने साल 2022 के अक्टूबर महीने में सचिन धीसे से शादी की थी. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए प्रचिता अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में याद करते हुए कहती है, “मेरे पति की साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में मौत हो गई थी.

जिसके बाद, मेरी सास ने मुझे उस सदमे से बाहर निकलने के लिए दोबारा शादी करने को कहा. उस वक्त मैं सिर्फ 35 साल की थी. मेरी सास ने ही मेरी शादी का सारा इंतजाम किया था लेकिन शादी में शामिल होने से इनकार कर दिया. प्रचिता कहती है कि उनकी सास ने कहा था कि वह मुझे अपने बेटे के अलावा किसी और से शादी करते हुए नहीं देख सकतीं.”