ननिहाल के ‘भात’ से लगेगा अयोध्या में रामलला को भोग… 11 ट्रकों में भेजा गया 300 टन सुगंधित चावल, सीएम साय ने दिखाई केसरिया झंडी


रायपुर। अयोध्या में विराजने को तैयार भगवान श्रीराम के भोग और भक्तों के लिए ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3000 क्विंटल सुगंधित चावल की खेप आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रवाना की। राजधानी रायपुर में वीआई रोड स्थित राम मंदिर में इस हेतु चावल अर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान साय मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, राईस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों समेत भाजपा के नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। इससे पहले सीएम श्री साय ने भगवान राम का स्मरण करते हुए सजाए गए 11 ट्रकों को केसरिया झंडी दिखाई। चावल की यह खेप 1 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी दिन विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है, जिसमें 30 लाख से करीब लोगों के शामिल होने की संभावना है। इसी भंडारे के लिए श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 300 टन चावल आज रवाना किया गया।

अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसी दिन विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है। खास बात यह है कि यह विशाल भंडारा छत्तीसगढ़ के चावल से होगा। पूरे अयोध्या में छत्तीसगढ़ के चावल की खुशबू महकेगी। राजधानी रायपुर में चावल अर्पण कार्यक्रम की तैयारियां काफी दिनों से की जा रही थी। आज के चावल अर्पण कार्यक्रम के लिए 11 ट्रकों को दुल्हन की तरह सजाया गया था, जिनमें चावल की खेप रामलला के घर अयोध्या के लिए भेजी गई। राजधानी रायपुर स्थित राम मंदिर से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन ट्रकों को रवाना किया। यह चावल मायरा के रूप में अयोध्या भेजा गया है। भगवान राम के नलिहाल छत्तीसगढ़ से 3000 क्विंटल सुगंधित चावल भोग के लिए वहां (अयोध्या) पहुंचेगा। जिसे 30 लाख से ज्यादा रामलला के भक्त ग्रहण करने वाले हैं। भगवान राम को लगाए जाने वाले विशेष भोग में भी उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ का चावल ही इस्तेमाल किया जाएगा। यह अब तक की सबसे बड़ी चावल की खेप होगी जो अयोध्या पहुंचेगी।

अयोध्या में होने वाले रामलाल के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में देशभर से श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं। इन श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी। इस भव्य आयोजन में होने वाले भंडारे के लिए ही सुगंधित चावल अयोध्या भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के सभी राइस मिलर्स ने मिलकर यह फैसला किया था कि राम के ननिहाल से ही अयोध्या चावल जाएगा। इसके लिए प्रदेश के राइस मिलर्स ने अच्छे किस्म का सुगंधित चावल इकठ्ठा किया था। ट्रकों से चावल की खेप अयोध्या रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री श्री साय होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल में राईस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में भी शामिल हुए। आज के चावल अर्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय के अलावा वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल, श्यामबिहारी जायसवाल, लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद सुनील सोनी समेत कई विधायक व भाजपा के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में राईस मिलर्स मौजूद थे।

2500 मिलर्स ने जुटाए हैं चावल
छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर्स एसोसिएशन ने अयोध्या के लिए चावल जुटाने का अभियान शुरू किया था। राज्य में करीब 2500 राईस मिलर्स हैं। अयोध्या भेजे गए 300 टन चावल में इन सभी मिलर्स का योगदान है। भगवान श्रीराम के जयघोष के बीच आज राईस मिलर्स का उत्साह देखते ही बना। एसोशिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का मामा पक्ष है। इसलिए छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है और मायरा स्वरूप 300 टन चावल अयोध्या भेजा जा रहा है। ये चावल रामलला को लगने वाले भोग और भंडार के लिए उपयोग होंगे। ये चावल आर.बी. गोल्ड किस्म का है। आपको बता दें कि भगवान राम की कर्मस्थली अयोध्या माना जाती है लेकिन उनकी तपोस्थली, जहां उन्होंने 10 साल से ज्यादा वनवास काटा वो जगह है छत्तीसगढ़। रायपुर से 27 किलोमीटर दूर चंद्रखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या की जन्म स्थली है, जहां मां कौशल्या की गोद में रामलला बैठे हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ भगवान राम को भांजे की तरह मानता है। इसलिए छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है और राज्य में लोग भगवान राम को भांजा का रिश्ता मानते है। रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था। राजा दशरथ ने दक्षिण कौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से विवाह किया। इसके बाद अयोध्या और दक्षिण कौशल का रिश्ता जुड़ गया। छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना गया। इसके पीछे आधार ये है कि देश में एकमात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में है।