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Navratri special : बिलासपुर ! देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं जहां देवी-देवताओं को फुल फल और प्रसाद के अलावा अलग-अलग तरह की चीजें चढ़ाये जाने की परंपरा है… लेकिन क्या आप ऐसी देवी के बारे में जानते हैं जिन्हें प्रसन्न करने के लिए कंकड़-पत्थर अर्पित किए जाते हैं… जी हां… एक ऐसा ही मंदिर बिलासपुर में है…. जहां देवी मां को भोग और प्रसाद के रूप में नारियल या फल-फूल नहीं बल्कि कंकड़ और पत्थर का चढ़ावा चढ़ाया जाता है… देखिए यह खास रिपोर्ट…
Navratri special : बिलासपुर शहर के खमतराई में देवी का ऐसा अनोखा मंदिर है… जहां माता सिर्फ 5 पत्थर के चढ़ावे से प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं… यह मंदिर है वन देवी का जिन्हें बगदाई माता के नाम से जाना जाता है… यहां आने वाले भक्त मां को अर्पण करने के लिए अपने साथ पत्थर लेकर आते हैं… और मां भाव से अर्पण किए गए इन पत्थरों से ही प्रसन्न होकर मुराद पूरी करती हैं… मान्यता है कि इस अनोखी परंपरा का पालन सदियों से किया जा रहा है… यहां मन्नत मांगने वालों और दर्शनार्थियों का आगमन पूरे साल होता है… पर नवरात्रि में यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ जाती है… मंदिर के पुजारी ने बताया कि एक समय यह यहां बरगद के पेड़ों के बहुतायत थी… इसलिए माता को बगदाई के नाम से जाना जाता है… मंदिर में समय के अनुसार बदलाव होने पर भक्त फूल,माला और पूजन सामग्री भी लाने लगे हैं… पर प्रमुख रूप से माता को आज भी पांच पत्थर ही अर्पित किए जाते हैं…
Navratri special : सदियों से चली आ रही परंपरा के संबंध में किंवदंति प्रचलित है कि…. सदियों पहले एक स्थानीय सेठ के सपने में माता ने आकर कहा कि… मैं बिलासपुर शहर के पास स्थापित हुं… और जो भी व्यक्ति आकर मुझे सच्चे भाव से 5 पत्थर अर्पित करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी… तभी सेठ ने शहर के अन्य लोगों के साथ आकर माता की मूर्ति के समीप पत्थर अर्पित किए और उसकी मनोकामना पूरी हुई… जिसके बाद माता की प्रसिद्धि बढ़ती चली गई… साथ ही कुछ लोगों का मानना है कि वर्तमान में शहर के बीच स्थित यह मंदिर सालों पहले जंगल के बीच हुआ करता था… इस क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों को इस स्थान पर माता की दिव्य शक्ति का अनुभव होता था… तब यहां से गुजरने वाले लोग अपनी यात्रा की सफलता के लिए मां के समक्ष पत्थर चढ़ाकर प्रार्थना करते थे… और तभी से यब परंपरा चली आ रही है… आगे चलकर शहर का विस्तार हुआ और जंगल के बीच पड़ने वाला यह मंदिर शहर की सीमा के अंदर आ गया…
ऐसी मान्यता है कि वनदेवी के इस मंदिर में सच्चे मन से पांच पत्थर चढ़ाने वाले श्रद्धालु की मनोकामना जरूर पूरी होती है…. मन्नत पूरी होने के बाद एक बार फिर श्रद्धालु मंदिर में पांच पत्थरों का चढ़ावा चढ़ाते हैं… हालांकि यहां मंदिर में वन देवी को कोई भी साधारण पत्थर नहीं चढ़ाया जा सकता… बल्कि खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर ही चढ़ाया जाता है…. वर्तमान में देवी के मंदिर को आधुनिक स्वरूप दे दिया गया है… यहां मंदिर परिसर में मुख्य रूप से माता बगदाई के साथ साथ मां दुर्गा, शनि देव, द्वादश ज्योतिर्लिंग, पंचमुखी हनुमान, मनसा देवी, राम दरबार आदि की भी स्थापना की जा चुकी है… लेकिन फिर भी मुख्य रूप से यह मंदिर मां बगदाई का ही है… जहां हर रोज भक्त पत्थर चढ़ाकर अपनी मनोकामना मां को बताते हैं… नवरात्र में यहां ज्योति कलश की स्थापना भी की जाती है… और रोजाना सैकड़ों भक्त मां के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचते हैं…. बिलासपुर से एशियन न्यूज के लिए अमन पाण्डेय की रिपोर्ट….