नई सुविधा: पांच मंजिला बनेगा रजिस्ट्री ऑफिस, एसी वेटिंग हॉल सहित डिजिटल डिस्प्ले


दुर्ग। कलेक्टोरेट में 916.70 लाख की लागत से नया पंजीयन कार्यालय बनाया जाएगा। पांच मंजिला कार्यालय में सभी जगह एसी लगे रहेंगे। ऊपरी मंजिल में आने जाने के लिए लिफ्ट रहेगी। बैठने की बेहतर व्यवस्था के साथ वेटिंग हॉल में डिस्प्ले बोर्ड रहेगा। इससे लोगों को बार-बार अपनी बारी के बारे के पूछताछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिस्प्ले बोर्ड में ही नजर आ जाएगा कि उनकी बारी कब आएगी। नए पंजीयन कार्यालय का ड्राइंग डिजाइन बनकर तैयार हो गया है।

पीडब्ल्यूडी जल्द ही इसका टेंडर जारी कर निर्माण शुरु करेगा। रायपुर पंजीयन कार्यालय में रोजाना औसतन 250 रजिस्ट्री होती है। मार्च में आंकड़ा 300 के करीब पहुंच जाता है। रजिस्ट्री तो अधिक हो रही है, लेकिन जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसकी वजह है कार्यालय अब छोटा पड़ रहा है। प्रतीक्षालय में पर्याप्त जगह नहीं रहती, लोग एक-दूसरे से सटकर बैठते हैं। उसके बाद भी कुछ लोगों को मजबूरी में बाहर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।

पंजीयन कार्यालय आने वालों के लिए सबसे ज्यादा तकलीफ गर्मी और बारिश के दिनों में होती है। इसी को ध्यान में रखकर लंबे समय से भवन की मांग की जा रही थी। शासन से अनुमति मिल गई है, जल्द ही पीडब्ल्यूडी विभाग टेंडर जारी कर करेगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ठेका एजेंसी को एक साल के भीतर नई बिल्डिंग को तैयार करना है।

निचले तल पर वेटिंग रूम
पंजीयन कार्यालय के मुताबिक प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यालय के पास खाली पड़ी जमीन पर बनाया जाएगा। कार्यालय के निचले तल पर एसी वेटिंग रूम बनाया जाएगा। इससे पंजीयन कार्यालय आने वालों के लिए बैठने की बेहतर व्यवस्था के साथ ही फिल्टर वाटर की व्यवस्था रहेगी। वेटिंग रूम में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड रहेगा। बोर्ड में लोग अपना नंबर देख सकेंगे। इससे उन्हें बार-बार अपनी बारी के संबंध में पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

पूरे भवन की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
पंजीयन कार्यालय में करीब पांच साल पहले कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था। इसका था कि मकसद किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटे और आने-जाने वालों पर नजर रखी जा सके। अभी सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। इससे पंजीयन कार्यालय में कौन आ रहा है और जा रहा इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। नई बिल्डिंग बनने से पूरा भवन कैमरे की निगरानी में रहेगा।