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टेक डेस्क। भारत में लोग तेजी से डिजिटल हो रहे है। फोन पेमेंट, मूवी और ट्रैवलिंग जैसे काम के लिए ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में यूजर डेटा को एक्सेस करना आसान हो गया है। इस डेटा की मदद से यूजर्स को फर्जी कॉलिंग और मैसेजिंग करके परेशान किया जा रहा है। यूजर्स को इस फ्रॉड से बचाने के लिए टेलीकॉम कंपनियां जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया एक प्लान बना रही हैं। जिससे फर्जी कॉलिंग और मैसेजिंग पर लगाम लगााय जा सके। इसके लिए तीनों टेलीकॉम कंपनियों Truecaller के साथ साझेदारी की है।
फर्जी कॉल्स से मिलेगा छुटकारा
स्पैम और फिशिंग को रोकने के लिए एआई बेस्ड सॉल्यूशन पेश किया जाएगा। मतलब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद फ्रॉड रोकने में ली जाएगी। पिछले साल टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क्स में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) का परिचय दिया गया था। साधारण शब्दों में कहें, तो फोन कॉल आने पर कॉल करने वाले का नाम से साथ फोटो दिखेगी। इसके फोन कॉलर आईडी फीचर नाम दिया गया है। इससे फर्जी कॉलर की पहचान की जा सकेगी। लेकिन तीनों दूरसंचार कंपनियों ने लागत और गोपनीयता संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए सरकार के सुझाव को खारिज कर दिया। Jio ने कहा है कि प्रत्येक डिवाइस पर कॉलर आईडी देने से प्राइवेसी की चिंता जाहिर की गई थी।
तीनों कंपनियां मिलकर पेश कर सकती है सॉल्यूशन
ऐसे में सवाल उठता है कि जब पहले से मार्केट में Truecaller जैसे ऐप्स मौजूद हैं, तो कॉलर आईडी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। ऐसे में Truecaller की मदद से भारत में कॉलर आईडी फीचर को पेश किया जा सकता है। TrueCaller भी इस फीचर को AI की मदद से पेश किए जाने को लेकर तीनों कंपनियों के साथ संपर्क में है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द कोई सॉल्यूशन पेश किया जा सकता है।