NIT Raipur : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के तहत सेमिनार


NIT Raipur : रायपुर ! राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा 8 सितंबर 2023 को “छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण” पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के तहत किया गया था जिसे प्रतिवर्ष 10 सितम्बर को मनाया जाता है |

NIT Raipur :  सेमिनार का उद्देश्य छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य, तनाव से कैसे निपटें, साथ ही अवसाद पर काबू पाने के लिए अन्य समस्याओं और तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाना था। एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे तथा कैरियर डेवलपमेंट सेंटर (सी.डी.सी) के प्रमुख डॉ. समीर बाजपाई ने विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अनूप कुमार तिवारी, विभागाध्यक्ष, डी.एच.एस.एस; डॉ. एस. सान्याल, प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग , छात्र एवं संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे । इस आयोजन की समन्वयक डी.एच.एस.एस की फैकल्टी डॉ. हीना चावड़ा रही।

कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों को पौधे सौंपने से हुई। छात्रों के जीवन और उनके सामने आने वाली सामान्य समस्याओं और चुनौतियों पर एक डॉक्यूमेंट्री प्रस्तुत की गई । डॉ. हीना चावड़ा ने प्रभावी ढंग से और ईमानदारी से पूरी डॉक्यूमेंट्री का वर्णन किया, और छात्रों के बीच अवसाद को दूर करने के लिए संस्थान के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने मूल्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मानविकी विभाग द्वारा की गई गतिविधियों पर प्रकाश डाला और बताया कि यह स्वस्थ जीवन जीने में कैसे सहायक है।

NIT Raipur :  इसके बाद, एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने एक सशक्त और प्रेरक भाषण दिया और उनके द्वारा इस बात पर जोर दिया गया कि आत्महत्या को रोकना एक सामूहिक प्रयास है, और व्यक्ति को अपने आसपास के वातावरण का अवलोकन करना चाहिए तथा किसी व्यक्ति के अवसाद ग्रसित होने की स्थिति में आपस में मिलकर उसकी सहायता करनी चाहिए | उन्होंने कहा आत्मविश्वास और अनुशासित होकर स्वस्थ और खुशहाल जीवन जिया जा सकता है । उन्होंने अपने भाषण के दौरान ह्यूमेनिटीज विभाग द्वारा किए जा रहे इस आयोजन की सराहना भी की|

इसके बाद डॉ. हीना चावड़ा ने एक प्रेजेंटेशन दिया कि कैसे वैल्यू एजुकेशन अवसाद से उबरने और मनोवैज्ञानिक असफलताओं से निपटने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन केवल अनुशासित जीवनशैली के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है और केवल शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रहने की तुलना में एक-दूसरे के साथ संबंध बनाना अधिक महत्वपूर्ण है।

NIT Raipur :  उन्होंने इस तथ्य को स्पष्ट रूप से सामने रखा कि आत्म-संदेह, कम आत्मविश्वास, अधिक सोचना और समझ की कमी अवसाद के मूल कारण हैं, और इसलिए हमें खुशहाल जीवन के लिए वर्तमान में जीना चाहिए। डॉ. चावड़ा ने सभी को संस्थान के वैल्यू एजुकेशन आधारित काउंसलिंग सेल से भी परिचित कराया, जहां छात्र अपनी समस्याएं साझा करते हैं और मार्गदर्शन लेते हैं।

उन्होंने सभी को वैल्यू एजुकेशन आधारित समाधान सेल से भी परिचित कराया जहां किसी भी समस्या वाले व्यक्ति को भावनात्मक रूप से समर्थन दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता एक अवसाद पीड़ित बच्चे के लिए सबसे पहली सहायता श्रृंखला हैं, और इस प्रकार, एक बच्चे को सबसे पहले अपने भावनात्मक मुद्दों पर उनके साथ चर्चा करनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि एक इमोशनल वेल बीइंग समूह का निर्माण भी उनके द्वारा किया गया हैं, इस समूह मे द्वितीय वर्ष से लेकर फाइनल ईयर के सीनियर छात्रों का समूह है यह छात्र, अवसादग्रस्त छात्रों की पहचान कर उनकी समस्या का समाधान करते हैं , अथवा उसे संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाते हैं जो उसकी समस्या का समाधान कर सके. परामर्श की आवश्यकता लगने पर कॉउंसलिंग सेल डॉ हिना चावड़ा मैडम से सम्पर्क करते है.

तत्पश्चात सत्र के वक्ता श्री अंकित पोगुला ने अपने जीवन के अनुभव और उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने ”पहचान की खोज, खुशी का उद्देश्य” विषय पर एक विचारपूर्ण व्याख्यान दिया।  पोगुला ने छात्रों से अच्छे जीवन के लिए उनके लक्ष्य के बारे में पूछा, जिसका छात्रों ने आत्मविश्वास से जवाब दिया। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि अच्छे जीवन के लिए उद्देश्य और विकल्पों की स्पष्टता आवश्यक है, और आजकल आत्मविश्वास की कमी के लिए सोशल मीडिया कैसे जिम्मेदार है। उन्होंने खुशी के 3 प्रकार भी बताए: पहला संवेदी आनंद, दूसरा भावनाओं में सद्भाव पर आधारित, और तीसरा लक्ष्य और स्पष्टता पर आधारित।

अंत में, सभी उपस्थित लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया।  अंकित पोगुला को ज्ञानवर्धक व्याख्यान देने के लिए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। यह सत्र सभी उपस्थित लोगों के लिए अत्यधिक लाभदायक और दिलचस्प साबित हुआ !