Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
भिलाई। डाक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के भिलाई तो डॉक्टरों ने संवेदनहीनता की सारी हदें ही पार कर दीं। दरअसल, शंकरा मेडिकल कालेज के डाक्टरों की अमानवीयता के चलते में एक नवजात बच्चे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। बच्चे की मां की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद डाक्टरों ने नवजात को वेंटिलेटर में रखा था। जब परिजन इलाज के लिए 10 हजार रुपये नहीं दे पाए तो डाक्टर ने नवजात को वेंटिलेटर से निकालकर परिजन के हाथ में दे दिया। डेढ़ घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई।
डिलीवरी के दौरान मां की भी हुई मौत
बताया जा रहा है कि बेमेतरा जिले के पथरी गांव निवासी बैसाखिन बाई पति शंकर निषाद की डिलीवरी होनी थी। डिलीवरी के दौरान उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई। इसके चलते उसे शंकरा मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। शंकर मेडिकल कालेज अस्पताल में शनिवार शाम को सात बजे डिलीवरी के दौरान बैसाखिन बाई की मौत हो गई।
स्वजनों ने इलाज के लिए रुपये न होने की कही बात
डाक्टरों ने नवजात का चेकअप किया तो उसकी भी हालत नाजुक थी। वो सांस नहीं ले पा रहा था। इसके बाद बच्चे को तुरंत एसएनसीयू भेजा गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। डाक्टरों ने इलाज के लिए परिजनों से आयुष्मान कार्ड मांगा। परिजनों ने आयुष्मान कार्ड न होने की बात कही। डाक्टरों ने उन्हें तुरंत 8-10 हजार रुपये जमा करने को कहा। अगले दिन रविवार को स्वजनों ने रुपये न होने की बात कही।