पीएम मोदी 20 फरवरी को करेंगे आईआईटी भिलाई का वर्चुअली लोकार्पण, सीएम साय होंगे मुख्य अतिथि


भिलाई। लम्बे इंतजार के बाद इसी महीने की 20 तारीख को आईआईटी भिलाई का उद्घाटन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली आईआईटी का उद्घाटन करेंगे। वे इस दौरान जम्मू में होंगे और समारोह से वर्चुअली जुड़ेंगे। इस तरह पीएम आईआईटी का ऑनलाइन लोकार्पण करेंगे। आईआईटी भिलाई में ही लोकार्पण का यह पूरा कार्यक्रम आयोजित होगा। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे जबकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और भाजपा के बड़े पदाधिकारी भी समारोह में शिरकत करेंगे।

मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन भारत सरकार के सचिव के संजय मूर्ति ने आईआईटी भिलाई को 15 फरवरी को एक पत्र जारी किया है। पत्र के माध्यम से आईआईटी भिलाई को उद्घाटन संबंधी सूचना दी गई है। पीएम जम्मू से श्रीनगर तक दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज के लोकार्पण के दौरान आईआईटी भिलाई का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि आईआईटी भिलाई 358 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। 879.22 करोड़ की लागत से बिल्डिंग और अन्य कार्य कराए गए हैं। 2500 विद्यार्थियों की क्षमता आईआईटी की है। वर्तमान में 700 विद्यार्थी यहां पढ़ रहे हैं। लम्बे इंतज़ार के बाद अब जाकर भिलाई के आईआईटी के उद्घाटन का कार्यक्रम तय हुआ हैं।

आईआईटी से भिलाई की पहचान
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले को भिलाई इस्पात संयंत्र के नाम से पूरे देश भर में जाना जाता था। लेकिन अब दुर्ग जिले की पहचान इसके अलावा आईआईटी के कारण भी होने वाली है। भिलाई में देश का 23वां आईआईटी बनकर तैयार है। पिछले साल अगस्त में इसके उद्घाटन-लोकार्पण की बातें भी हुई थी, लेकिन कार्यक्रम टलता रहा। जिला प्रशासन से लेकर आईआईटी प्रबंधन भी पीएमओ के आदेश का इंतजार करता रहा। लेकिन ऐसा कोई आदेश नहीं आया। अब केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय से आईआईटी के वर्चुअली उद्घाटन संबंधी पत्र प्राप्त होने के बाद तैयारियां शुरू कर दी गई है।

विद्यार्थियों के लिए खुले नए अवसर
दुर्ग जिले के कुठेला भाटा में 385 एकड़ क्षेत्र में आईआईटी पूरी तरह से बनकर तैयार है। गौरतलब है कि भिलाई आईआईटी का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था। 5 साल बाद अब आईआईटी का कैंपस पूरी तरह से बनकर तैयार है । पिछले साल जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू भी कर दिया गया था। भिलाई आईआईटी देश का 23वां आईआईटी है और इसकी खासियत यह है कि यह थ्री डी आईआईटी है, जिसे थर्ड जनरेशन आईआईटी कहते हैं। यहां डिपार्टमेंट डिसीप्लिन प्रोग्राम भी होंगे। छोटे कोर्सेस, डिप्लोमा कोर्सेस सर्टिफिकेट जैसे कोर्सेस के लिए छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को दीगर राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन भिलाई में आईआईटी की स्थापना के साथ ही अब यह समस्या भी खत्म हो गई है। भिलाई में आईआईटी के खुलने के बाद प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए नए अवसर भी खुले हैं।

1300 छात्रों के लिए होगा सुविधा
वर्तमान में भिलाई आईआईटी की कक्षाएं नया रायपुर में लग रही है, जहां देशभर के करीब 12 सौ छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। भिलाई आईआईटी में बनाई गई बिल्डिंग में कुल 1300 छात्र-छात्राएं एक साथ कैम्पस में पढ़ाई कर सकेंगे। फिलहाल, भिलाई आईआईटी में 5 विदेशी छात्र भी अध्ययन कर रहे हैं।  आईआईटी भिलाई देश का एक ऐसा संस्थान है जिसने अपने किसी भी चीज को वेस्ट नहीं किया। संस्थान के निर्माण में जो पेड़ बाधक बन रहे थे, उन्हें काटने की वजह दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया। पानी बचाने के लिए आर्टिफिशियल पॉइंट बनाए गए और सोलर एनर्जी के माध्यम से पूरे कैंपस को रोशन करने की कोशिश की गई। आईआईटी भिलाई सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए नहीं देश के लिए भी गर्व की बात है। प्रबंधन का कहना है कि आईआईटी भिलाई का प्रयास होगा कि वह ऐसे आविष्कार करें जो आज की आवश्यकता है।

पाण्डेय की जिद ने दिलाया भिलाई को आईआईटी
2015 में जब आईआईटी के लिए प्रक्रिया शुरू हुई तो केन्द्रीय टीम को आईआईटी के लिए भिलाई की बजाए नया रायपुर में जमीन पसंद आई। जब तत्कालीन तकनीकी शिक्षामंत्री व भिलाई विधायक प्रेमप्रकाश पाण्डेय भिलाई के आसपास ही आईआईटी की स्थापना चाहते थे। दरअसल, छत्तीसगढ़ की तत्कालीन डॉ. रमन सिंह सरकार ने भिलाई के लिए ही आईआईटी का प्रस्ताव तैयार किया था। दिल्ली से आई केन्द्रीय निरीक्षण टीम ने कुटेलाभाठा, नेवई व सांकरा क्षेत्रों का दौरा करने के बाद एयर कनेक्टिविटी समेत अन्य सुविधाएं न होने का हवाला दिया और यहां आईआईटी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बावजूद इसके भिलाई विधायक व तकनीकी मंत्री श्री पाण्डेय अपनी जिद पर अड़े रहे। वे हर हाल में भिलाई क्षेत्र में ही आईआईटी चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रायपुर से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त लामबंदी की। वे अंतिम समय पर भिलाई में ही आईआईटी के लिए अड़े रहे। श्री पाण्डेय के समक्ष एक दिक्कत यह भी आई कि तकनीकी शिक्षा विभाग के अफसरों से लेकर प्रदेश के कई मंत्री भी नया रायपुर में ही आईआईटी की स्थापना चाह रहे थे। इसके लिए सभी अपने-अपने स्तर पर लगे रहे। श्री पाण्डेय को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से लेकर केन्द्रीय तकनीकी शिक्षा मंत्री तक सबको तैयार करने काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन अंतत: वे आईआईटी की स्थापना भिलाई में ही करवाने में कामयाब रहे। श्री पाण्डेय की कोशिशों को केन्द्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी।