जनजातीय संस्कृति और रीति-रिवाज को ध्यान में रख कर बनाया जाए पीएम आवास: बोरा


रायपुर। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर पीएम जनमन योजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में श्री बोरा ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (पीवीटीजी) की संस्कृति और रीति-रिवाज को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण किया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की बसाहटों का सत्यापन 31 अगस्त से पहले करने के निर्देश दिए।

प्रमुख सचिव श्री बोरा ने 01 नवंबर से 15 नवंबर 2024 तक पीवीटीजी विकास संबंधी एक पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने करीब 200 बसाहटों को 15 नवंबर 2024 तक निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार शत-प्रतिशत लाभान्वित करने कहा है। 10 प्रतिशत बसाहटों को मॉडल गांव के रूप में बनाये जाने कहा है। श्री बोरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना के अनुरूप सुदूर क्षेत्रों में निवासरत पीवीटीजी का समुचित विकास किया जाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सभी विभागों के नोडल अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें।

प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर अनुसूचित जनजाति के लोगों को आवास, बिजली, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल कौशल विकास और आदिवासी छात्रों को छात्रावास जैसी जरूरी सुविधाएं अनिवार्य रूप से मुहैय्या करायी जा रही है। प्रदेश के जनजाति बाहुल्य इलाकों की विभिन्न छोटी-छोटी बसाहटों में सुविधाएं पहुंचाने का यह काम पिछले वर्ष नवंबर से शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाभियान के अंतर्गत राज्य में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने की। श्री बोरा ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ऊर्जा एवं शिक्षा और अन्य विभागों के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनमन कार्यक्रम के तहत संचालित योजनाओं के लिए हितग्राहियों का सर्वे कर योजनाबद्ध कार्यक्रम के तहत हितग्राहियों को समय-सीमा में लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में श्री बोरा ने सर्वे के माध्यम से भी इनका डाटा एकत्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाईन के अनुसार पीवीटीजी के सर्वांगीण विकास हेतु तीन वर्षों के भीतर सभी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना है। इसके लिए सभी नोडल अधिकारी आपसी समन्वय के साथ मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिलों में गैप के आधार पर प्रत्येक पीवीटीजी बसाहट के पास ही शिविर लगाकर हितग्राहियों का आधार कॉर्ड, राशन कॉर्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कॉर्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने सभी नोडल विभागों से प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध की गई प्रगति की एंट्री ऑनलाइन करने के भी निर्देश भी दिए हैं। बैठक में संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों ने अपने लक्ष्य के विरूद्ध अब तक की गई कार्यवाही और प्रगति की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, आयुक्त आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास नरेन्द्र कुमार दुग्गा सहित शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।