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नई दिल्ली/रायपुर (एजेंसी)। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने अब रणनीतिक तौर पर कमर कस ली है। जिस तरीके से पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर व्यापक फेरबदल करते हुए बड़े-बड़े नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी हैं। उससे अनुमान यही लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी और आक्रामक तरीके से अपने अन्य नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां देकर लोकसभा चुनाव के लिहाज से मजबूत फील्डिंग सजाएगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी कांग्रेस के एआईसीसी प्रभारी पद से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया है। रमेश चेन्निथला को महाराष्ट्र का एआईसीसी प्रभारी बनाया गया है। अविनाश पांडे को यूपी कांग्रेस महासचिव का पद दिया गया है। प्रियंका गांधी वाड्रा बिना किसी विभाग के महासचिव बनी रहेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को अपनी टीम में यह बड़ा बदलाव किया। ऐसा करते हुए उन्होंने 12 महासचिवों और 12 प्रदेश प्रभारियों की नियुक्ति की। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने तय किया है जिन राज्यों में हाल में विधानसभा के चुनाव हुए हैं वहां नया नेतृत्व ही सियासत को आगे बढ़ाएगा। इसके लिए शुरुआत मध्य प्रदेश से हुई थी। लेकिन अब राजस्थान में भी जल्द ही इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा। जिस तरह से अशोक गहलोत को राष्ट्रीय गठबंधन और सचिन को प्रभारी महासचिव बनाया गया है उससे तय हो गया कि अब राजस्थान में नया नेतृत्व मिलेगा। वहीं कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी अभी और कई बड़े फैसले ले सकती है।
कांग्रेस की नई जिम्मेदारियों के साथ पार्टी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि लोकसभा चुनाव में उनकी क्या रणनीति रहने वाली है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि जिस तरीके से सचिन पायलट को प्रभारी महासचिव बना कर छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है उससे स्पष्ट संकेत है कि सचिन पायलट का अब केंद्रीय फलक पर इस्तेमाल किया जाना है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय गठबंधन समिति का हिस्सा बनाया गया है। वह भी संदेश है कि उनका राज्य से बाहर निकाल कर एक नई भूमिका में भेजा गया है। कांग्रेस पार्टी अगले कुछ दिनों में राजस्थान में इन दो नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी देने के बाद नए नेतृत्व पर दांव लगाएगी। इसके अलावा पार्टी ने जिस तरह से इस बदलाव में उदयपुर चिंतन शिविर की योजनाओं और व्यवस्थाओं को लागू किया है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी युवाओं पर दांव लगाएगी।
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने जिस तरीके से पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे के बाद यह फेरबदल किए हैं वह पहले चरण के बदलाव माने जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर हुए इस बदलाव के बाद अब राज्यों में भी व्यापक फेरबदल की तैयारी चल रही है। शुरुआती दौर में राजस्थान के साथ कुछ अन्य राज्यों में भी राज्य कार्यकारिणी में फेरबदल किया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस की कुछ अन्य महत्वपूर्ण विंग में भी बड़े स्तर पर बदलाव का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसमें न सिर्फ युवक कांग्रेस और महिला सभा भी शामिल है। हालांकि इन सभी संगठनों में बड़े स्तर पर कब तक बदलाव होंगे इसकी कोई जानकारी तो पार्टी की ओर से नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों की मानें तो जल्द ही बदलाव हो सकेंगे।