Purchased paddy  छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम आने का किसान कर रहे इन्तजार


Purchased paddy  बिलासपुर !  प्रदेश भर में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो चुकी है लेकिन महीना खत्म होने के बाद भी अब तक प्रदेश में जो धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है उसे काफी काम धान खरीदी अब तक हो पाई है बिलासपुर जिले में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिल रही है… इसके पीछे कई कारण निकलकर सामने आए हैं…

Purchased paddy  छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 125 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य बनाया था… लेकिन बहर हाल प्रदेश में धान खरीदी की स्थिति काफी कमजोर नजर आती है… 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के 1 महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश भर में महज 12.31 मेट्रिक टन धान की खरीदी हो पाई है… जबकि बीते सालों में एक महीने के अंदर धान खरीदी का आंकड़ा इससे काफी अधिक होता था… इसके पीछे की कुछ वजहें निकाल कर सामने आई हैं… जिनमें सबसे प्रमुख वजह है… बायोमेट्रिक पहचान मशीन का धीमा चलना… धान खरीदी केंद्र जाने पर हमें पता चला कि वहां के किसान धीमी चलने वाली बायोमेट्रिक मशीन से परेशान है… और इससे धान खरीदी की गति भी प्रभावित हो रही है…

Purchased paddy  साथ ही एक और वजह है जो धान खरीदी की रफ्तार को कम कर रही है… यह वजह है राजनीतिक दलों की धान खरीदी के मूल्य को लेकर की गई घोषणा… दरअसल 3 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम आने हैं… ऐसे में किसान इस इंतजार में है कि 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद वे धान बेचें… जिससे उन्हें धान का अधिकतम मूल्य प्राप्त हो सके… बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की कीमत 3100 वहीं कांग्रेस पार्टी ने 3200 रुपए करने की घोषणा की है…

चाहे बायोमेट्रिक मशीन की समस्या हो… या राजनीतिक दलों के वादों का असर… धान खरीदी की धीमी रफ्तार से आने वाले समय में खरीदी केंद्रों में किसानों की भीड़ बढ़ सकती है… और संभव है कि धान खरीदी की तारीख भी बढ़ानी पड़ जाए… अब देखना होगा कि 125 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य कब तक पूरा हो पता है !