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Raigarh latest news : रायगढ़ ! ग्राम पंचायत बनसिया के दो तालाब पिछले 20 सालों से अपने कायाकल्प का बांट जोह रहा था। तालाबों में जमी गाद और कचरे से पूरा तालाब पट जाने से दोनों तालाब अपना अस्तित्व खो चुके थे। लेकिन कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल एवं वहां के सरपंच श्री मनोहर पटेल की मेहनत रंग लायी और वह तालाब अपने मूर्तरूप में पानी से भरा लबालब नजर आ रहा है। तालाब में भरे पानी से ग्रामीणों के चेहरे पर भी खुशी दिख रही है।
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण की दिशा में बारिश के पानी को सहेजने के लिए जिले के अलग-अलग तालाबों के साफ -सफाई और गहरीकरण का कार्य किया गया है। जिससे बारिश के पानी को सहेजने हेतु जिले का तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है।
गर्मियों में खुदवाए गए ये तालाब अब बारिश में लबालब हो रहे हैं। जब गर्मी की चपेट में आकर जल स्त्रोतों के सूखने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे समय में रायगढ़ जिले में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत गांवों में ऐसे तालाब जिनके अस्तित्व सिमटते जा रहे थे उन्हें सहेजने का कार्य किया गया और जिले के विभिन्न उद्योगों को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अलग-अलग तालाबों को संवारने का जिम्मा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ विकासखण्ड के ग्राम-बनसिया में दो तालाब ऐसे थे। जिसमें पूरी तरह से गंदगी एवं गाद जमा हुआ था। इस ग्राम पंचायत में निवासरत लगभग 2000 आबादी वाले ग्रामीणों के चेहरे पर हर साल गर्मी के दिनों में निस्तारी हेतु चिंता की लकीरे दिखती थी। जिन्हें कलेक्टर श्री सिन्हा के प्रयास से सीएसआर एवं मनरेगा के तहत अमृत सरोवर के अंतर्गत तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। जिससे बनसिया का दोनों तालाब आज पानी से लबालब भरा हुआ है।
बनसिया के सरपंच श्री मनोहर पटेल की भी कड़ी मेहनत भी रंग लायी। जिन्होंने बीते गर्मी माह के दिन हो रहे तालाबों की खुदाई के दौरान स्वयं खड़े होकर खुदाई कार्य में सहयोग एवं निगरानी किए। जिसका आज पूरा फायदा वहां के ग्रामवासियों को मिल रहा है। बीते दिनों दिल्ली से आयी जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रजीता रश्मि ने इन तालाबों को देखा और जिले में जल संरक्षण की दिशा में हुए कार्य के लिए सराहना की।
जिले के तालाबों के जीर्णोद्धार से अधिक से अधिक वर्षा के जल को संचय किया जा रहा है। जिससे आस-पास के लगभग 20 से 25 एकड़ में भू-जल स्तर बढ़ेगा। सिंचाई की सुविधा बेहतर होगी एवं मछली पालन जैसे आजीविका के काम भी किए जा सकेंगे। सब्जी उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।