भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन में मिले 15 लाख के राशि रत्न, जयपुर का शख्स छोड़ गया था बैग


भिलाई। भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन पर एक बैग में 15 लाख रुपए के राशि रत्न बरामद हुए। स्टेशन पर दो यात्रियों के बैग आपस में बदल गए जिसके कारण राशि रत्नों वाला बैग रेलवे पुलिस के हाथ लगा। बैग में यात्री का मोबाइल नंबर देखकर उसे कॉल किया और उसके बाद राशि रत्नों की जीएसटी रसीद आदि देखने के बाद उक्त बैग को उसके हवाले किया गया। वहीं दूसरे यात्री की बैग भी उसे दी गई। इस तरह रेलवे पोस्ट के कर्मचारियों ने यात्रियों के बैग उन्हें वापस दिलाए।

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन में कार्यरत महिला प्रधान आरक्षक के. पान्डेय द्वारा सूचना दिया गया कि स्टेशन की इन्ट्री गेट के सामने चबूतरे में रखा हुआ हेन्ड बैग गलती से चेंज हो गया है। जो कि गाडी संख्या 18240 शिवनाथ एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्री के पास है। यात्री के मोबाइल नम्बर 8770439645 भी महिला आरक्षक ने बताया। इसके बाद उपनिरीक्षक आरके राठौर ने उक्त मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उन्होने अपना नाम अब्दुल मन्नान निवासी मकान नम्बर 04 राधिका नगर सुपेला बताया।

उसने बताया कि वह एमएसटी यात्रा टिकट दुर्ग से रायपुर पहुंचा है। उसने यह भी बताया कि वह मोबाइल पर बात कर रहा था उसी समय उक्त गाडी स्टेशन पर आ गई और गलती से दूसरे यात्री का बैग को उठा लिया। इसके बाद यात्री ने रायपुर रेलवे स्टेशन पर उपनिरीक्षक आरके राठौर को अटेन्ड किया। वहीं अब्दुल मन्नान का बैग दूसरे यात्री के पास रह गया। उसके मोबाइल 9314623170 सम्पर्क करने पर उसने अपना नाम मुकेश कुमार सिंह निवासी जगदम्बा कॉलोनी नया खेडा, विद्या नगर, जयपुर थाना विद्या नगर, जिला-जयपुर (राजस्थान) बताया।  उसने बताया कि उसका बैग भिलाई पावर हाउस स्टेशन में चेंज हो गया है।

मुकेश ने बताया कि उसके बैग में राशियों में उपयोग होने वाले पत्थर है जिसे लेकर वह भिलाई पहुंचा था। रेलवे पुलिस की सूचना पर मुकेश सिंह भिलाई पोस्ट पहुंचा और यात्रा टिकट व आधार कार्ड सत्यापन करने के बाद अब्दुल मन्नान को उसके लाल रंग का हेन्ड बैग दिया गया। उसमें मोबाइल, दस्ताचवेज पॉलिसी बॉड, बाईक की चाबी आदि को उसके सुपुर्द किया गया। इसी प्रकार मुकेश कुमार सिंह को काले रंग के हेन्ड बैग जिसमें पुखराज, पन्ना, ओपल आदि राशि रत्न थे उसे सौंपा गया। राशि रत्नों की अनुमानित कीमत 15 लाख रुपए बताई गई है। जीएसटी रसीद की मूलं प्रति देखकर उसे लौटाया गया। दोनों ही यात्री अपने-अपने बैग पाकर रेलवे सुरक्षा बल का आभार व्यक्त किया।