छत्तीसगढ़ के इस चावल की सुगंध विदेशों में पहुंची, मिला ‘जीआई’ टैग

धमतरी. जिले का सबसे फेमस धान नगरी दुबराज प्रदेश समेत देश भर में जिसे लोग जानते हैं. अब इसे विदेशों में भी जाना जाएगा. इसकी सुगंध और चावल के स्वाद का आनंद वहां के लोग उठा पाएंगे, क्योंकि भौगौल‍िक संकेतक (जीआई) टैग से देश के कृष‍ि प्रोडक्ट को नई पहचान म‍िली है.

धमतरी. जिले का सबसे फेमस धान नगरी दुबराज प्रदेश समेत देश भर में जिसे लोग जानते हैं. अब इसे विदेशों में भी जाना जाएगा. इसकी सुगंध और चावल के स्वाद का आनंद वहां के लोग उठा पाएंगे, क्योंकि भौगौल‍िक संकेतक (जीआई) टैग से देश के कृष‍ि प्रोडक्ट को नई पहचान म‍िली है. अब तक कई कृष‍ि उत्पादों को जीआई टैग द‍िया जा चुका है. इसी कड़ी में अब मध्यप्रदेश के रीवा के सुंदरजा आम, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के विशेष किस्म के चावल नगरी दुबराज समेत मुरैना की गजक को जीआई टैग से नवाजा गया है. जीआई टैग मिलने के बाद इन उत्पादों का बाजार में फायदा म‍िलने की उम्मीद है.

बता दें कि, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी दुबराज धान की एक अलग ही पहचान है. दुबराज धान की खासियत ये है कि यह काफी सुगंधित होती है. इस किस्म की बाजार में काफी अच्छी मांग है और इसे लोग चाव से खाना पसंद कर रहे हैं. यह धान औसतन 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है.

किसान बताते हैं कि, नगरी में होने वाला दुबराज धान एक अलग ही किस्मत का है. वहां की मिट्टी की वजह से दुबराज चावल कि जो महक और स्वाद है वह मिट्टी की वजह से ही है. जीआई टैग मिलने के बाद से किसान खुश हैं. स्थानी लोगों का कहना है कि अब धमतरी का नाम देश समेत विदेशों में भी जाना जाएगा.