अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी : पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर सो रहे पति की गला घोंटकर गला घोंटकर थी हत्या


भिलाई। नेवई थाना क्षेत्र में 105 दिन पहले शख्स की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस को सफलता मिली है। पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस के सामने यह मामला सुलझाना चुनौति बन गया। घटना के 105 दिन बाद पुलिस ने इस मामले में मृतक की पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया है। महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर सो रहे पति की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर आरोपियों को जेल भेज दिया है।

बता दें कि 14 दिसंबर 2023 को 23/एल, रिसाली सेक्टर निवासी मेवाराम साहू ने नेवई थाने पहुंचकर बताया कि उसकी बहु संगीता साहू ने बताया कि आपका बेटा लोमेन्द्र साहू जो 13 दिसंबर 2023 के रात को खाना खा कर सो गया। सुबह सुबह 7:30 बजे उठाने पर बिस्तर से नहीं उठ रहा है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मर्ग जांच में लिया। पीएम रिपोर्ट में हत्या संदेहास्पद बताया गया। इसके बाद पुलिस ने धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की।

मामला संदिग्ध होने के साथ ही पुलिस को कोई क्लू नहीं मिल रहा था। नेवई पुलिस के साथ ही साइबर की टीम भी आरोपियों की पतासाजी में लगी रही। इस बीच पुलिस को पता चला कि मृतक की पत्नि संगीता साहू पहले बीएसपी में कम्पयुटर ऑपरेटर का कार्य करती थी। इस दौरान उसकी घनिष्ठता उसी दफ्तर के वाहन चालक सुनील डहरिया के साथ बढ़ गई। इसके बाद पुलिस ने सुनील डहरिया को हिरासत में लिया और पूछताछ की। इस पर उसने संगीता साहू के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया।

जब महिला पुलिस ने संगीता साहू से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका पति लोमेन्द्र साहू कई सालों से अत्यधिक शराब का सेवन कर रोज मारपीट कर प्रताड़ित करता था। इस बीच सुनील डहरिया ने कई बार समझाया लेकिन उससे भी हाथा-पाई हुई थी। रोज-रोज के इन झगड़ो से तंग आकर सुनील डहरिया और संगीता साहू ने हत्या की योजना बनाई। 13-14 दिसंबर 2023 की दरम्यानी रात जब लोमेन्द्र नशे में सोया हुआ था तो मौका देखकर उसकी पत्नि संगीता साहू ने सुनील डहरिया को घर में बुलाया। इसके बाद संगीता साहू ने लोमेन्द्र के पैर पकड़ लिए और सुनील डहरिया ने टेलीफोन वायर से गला घोंट दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस पूरी कार्रवाई में एसीसीयु से एएसआई पूर्ण बहादूर, आरक्षक अनुप शर्मा, उपेन्द्र यादव, जुगनु सिंह, संतोष गुप्ता, पन्ने लाल, शिव मिश्रा, मेघराज चेलक, तिलेश्वर राठौर, निखिल साहू, महिला आरक्षक आरती सिंह एंव थाना नेवई से एएसआई रामचंद्र कवंर, प्रधान आरक्षक सूरज पाण्डेय, आरक्षक अजीत यादव, लक्ष्मी यादव की उल्लेखनीय भूमिका रही।