घर पहुंच चुकी थी बारात, इस वजह से रूकवानी पड़ी शादी

जांजगीर। तमाम जागरूकता कार्यक्रमों और अभियानों के बाद भी समाज में कई बार ऐसे मामले आते हैं कि यह सोचना पड़ जाता है कि कहीं न कहीं आज भी ऐसी कमियां हैं, जिन्हें सुधारने में अभी और समय लगेगा। दरअसल, एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं।

जांजगीर। तमाम जागरूकता कार्यक्रमों और अभियानों के बाद भी समाज में कई बार ऐसे मामले आते हैं कि यह सोचना पड़ जाता है कि कहीं न कहीं आज भी ऐसी कमियां हैं, जिन्हें सुधारने में अभी और समय लगेगा। दरअसल, एक ऐसा ही मामला सामने आया हैं। जानकारी के अनुसार जांजगीर-चाम्पा जिले में एक नाबालिग लड़की की शादी की जा रही थी, जिसे सूचना के बाद पहुंची प्रशासन की टीम ने रुकवा दी है। पामगढ़ क्षेत्र के मेंऊ गांव में 14-15 साल की नाबालिग लड़की की शादी होने की सूचना के बाद प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और परिजन को समझाइश दी है, जिसके बाद दोनों ही परिवार के मान भी गए।

दरअसल, प्रशासन को जानकारी तब हुई जब तक कि गांव में बारात पहुंच गई थी। समझाइश के बाद नाबालिग लड़की की शादी रोक दी गई है। दरअसल, महिला व बाल विकास विभाग, जिला बाल कल्याण अधिकारी की टीम पुलिस के साथ पहुंची और लड़की के बारे में परिजन से पूछताछ की तो उसकी उम्र 14-15 निकली। इसके बाद, परिजन को बाल विवाह कानून और उसके दुष्परिणाम के बारे में बताया गया। इसके बाद नाबालिग लड़की की शादी रोकी गई। मिली जानकारी के अनुसार यहां भुईगांव से बारात पहुंची थी, जिसके बाद शादी की पूरी तैयारी भी कर ली गई थी।

गौरतलब है कि 15 दिन पहले बम्हनीडीह ब्लॉक के पुछेली गांव में प्रशासन ने नाबालिग की शादी रुकवाई थी। जिले में इससे पहले भी कई नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई जा चुकी है। और कईयों नाबालिगों की जिंदगी बरबाद होने से बचाय गया है। बता दें कि बाल विवाह एक तरह का अपराध है जिसमें दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है, यह तो अच्छा है कि प्रशासन मात्र समझाइश देकर छोड़ रही है वरना ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।