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भिलाई। पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी डीजे संचालकों की मनमानी थम नहीं रही है। ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवम नियंत्रण कानून व एनजीटी के दिशा निर्देशों को यहां के डीजे संचालक नहीं मान रहे हैं। इसे देखते हुए दुर्ग पुलिस अब सख्त कार्रवाई के मूड में आ गई है। दुर्ग पुलिस डीजे की साउंड जांचने ‘नॉइस मीटर’ मशीन का उपयोग करेगी। इस संबंध में शुक्रवार को दुर्ग एसपी रामगोपाल गर्ग के निर्देश पर सभी थानों में डीजे संचालकों की बैठक ली। बैठक में डीजे संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए।
आईजी दुर्ग रेंज बद्री नारायण मीणा व एसपी दुर्ग राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में समस्त थाना/चौकी के द्वारा उनके क्षेत्र के सभी डीजे संचालकों की बैठक ली गई। जिसमे डीजे संचालकों को उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली एवं उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा जारी किए गए निर्देशों के साथ ध्वनि प्रदूषण के नियमन एवं नियंत्रण कानून 2000 के तहत एवं एनजीटी के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पाबंदी
सभी डीजे संचालकों को स्पष्ट रूप से यह निर्देश दिया गया है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पाबंदी रहेगी, सार्वजनिक स्थान या निजी स्थान पर 60 डेसिबल से अधिक का ध्वनि नहीं होगा। कोई भी कार्यक्रम हो सर्वप्रथम संबंधित प्रभारी अधिकारी से अनुमति हो तभी डीजे या धुमाल का संचालन करें, साथ ही उस कार्यक्रम में डीजे या धुमाल बजाने के संबंध में अनुमति भी आवश्यक रहेगी, मालवाहक वाहनों में डीजे धुमाल को वाहन के बॉडी से बाहर ना निकाले, डीजे धुमाल लगे वाहनों में चमकीली लाइटें, जिससे आंखें को प्रभावित हो ऐसा लाइट भी ना लगाएं ।
नियमों का उल्लंघन करने पर 20 हजार का जुर्माना
इन नियमों का उल्लंघन करने पर 20000 रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा। साइलेंट जोन में डीजे धुमाल बजाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। जैसे की स्कूल, अस्पताल, कोर्ट परिसर, वृद्ध आश्रम आदि हिस्सों को इस जोन में रखा गया है, इसके अलावा अन्य नियमों को डीजे संचालकों को पढ़ के साइन करवाया गया ताकि उल्लंघन होने पर उपरोक्त डीजे संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति होने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने एवं माहौल बिगाड़ने वाले शरारती तत्वों एवं सामाजिक तत्वों का फोटो, वीडियो लेकर पुलिस के पास भेजने जैसे जरूरी बातों को बताया गया।
सभी थानों में दी गई है ‘नाइस मीटर’
आईजी दुर्ग बद्री नारायण मीणा के आदेशानुसार पर क्षेत्र के सभी थाना व चौकियों में ‘नाइस मीटर’ दिया गया है। इस मशीन की मदद से नियमों की अवहेलना करने वाले डीजे संचालकों पर ऑन स्पॉट कार्यवाही की जा सकेगी। साथ ही कितने डेसिबल में डीजे बज रहा है इसकी भी जानकारी मिल सकेगी। यह उपकरण कर्मियों को शोर उल्लंघन के खिलाफ मुकदमा चलाने में मदद करेगा। ध्वनि प्रदूषण पर नज़र रखने के लिए, दुर्ग पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए 24 ध्वनि मीटरों का उपयोग किया जाएगा । जिसके बाद ध्वनि प्रदूषण में कमी की जा सकेगी। पिछले माह दुर्ग पुलिस के द्वारा 100 से अधिक प्रेशर हॉर्न, 45 से अधिक मोडीफाइड स्लाइंसर बुलेट, 25 से अधिक डीजे संचालकों पर डीजे जब्त कर कोलाहल अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई थी।
द्वारा जिले की यातायात व्यवस्था को सरल, सुगम एवं सुरक्षित बनाने यातायात मुख्यालय में डीएसपी सतीष ठाकुर व सतानंद विघ्यराज उप के नेतृत्व में ऑटो चालको की मीटिंग ली गई। जिसमें ऑटो चालको को शहर की यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित बनाये रखने समझाइश दी गई। डीएसपी सतीश ठाकुर ने इस दौरान कहा कि कोई व्यक्ति बस स्टेण्ड, रेल्वे स्टेशन पहुंचता है तो वह सर्वप्रथम उसे अपने गर्तव्य स्थान पर जाने के लिए आप लोग का ही सहयोग लेना होता है। यदि आप लोग उन लोगो से मधुर व्यवहार एवं निर्धारित शुल्क वसूल करते हो और अपने वाहन को क्रमबद्ध निर्धारित पार्किग स्थान पर खडा करते हो जिससे उस व्यक्ति के मन में जिले के प्रति एक अच्छी छवि बनती है। मीटिंग के दौरान उप पुलिस अधीक्षक, यातायात द्वारा मीटिंग में उपस्थित 250 आटो चालको को व्यक्तिगत छवि के साथ साथ यातायात नियमों जैसे बिना वर्दी वाहन न चलाना, शराब एवं किसी भी नशीली पदार्थ का सेवन कर वाहन न चलाना, नाबालिक को वाहन चलाने न देना, निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी न बैठाना, वाहनों को दस्तावेज दुरूस्त रखना, निर्धारित पार्किग/स्थान पर ही वाहन खडा करना, किसी चौक पर सवारी उतारने चढाने का कार्य न करना, चौक के पहले या बाद में सवारी को उतारना, तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन नहीं चलाने की समझाईस दी गई।