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नई दिल्ली: राहुल गांधी पर कांग्रेस के “ब्लैक” विरोध में आज तृणमूल की अचानक एंट्री हुई, जिसने सभी को चौंका दिया. इसे विपक्षी एकता की एक दुर्लभ उपलब्धि में से एक माना जा रहा है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि वह भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखेगी. आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बड़ी रणनीति बैठक हुई, जिसमें प्रसून बनर्जी और जवाहर सरकार ने टीएमसी का प्रतिनिधित्व किया. बताया जा रहा है कि इस बैठक में संसद से राहुल गांधी की अयोग्यता पर विपक्ष की रणनीति पर चर्चा हुई. पार्टी ने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना चाहिए, भले ही वे अन्य मुद्दों पर संयुक्त मोर्चे से खुद को दूर कर रहे हों.
राहुल गांधी की अयोग्यता पर विरोध स्वरूप कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहने थे. तेलंगाना में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ “काले कपड़े” विरोध में शामिल हुई. माफी की मांग को लेकर भाजपा पर राहुल गांधी के “सावरकर नहीं” तंज कसने के बाद, उद्धव ठाकरे ने रविवार को उन्हें चेतावनी दी थी कि सावरकर को नीचा दिखाने से विपक्षी गठबंधन में “दरार” पैदा होगी.
17 विपक्षी दलों- आईएनसी, डीएमके, एसपी, जेडीयू, बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, एनसीपी, सीपीआई, आईयूएमएल, एमडीएमके, केसी, टीएमसी, आरएसपी, आप, जम्मू-कश्मीर एनसी और शिवसेना (यूबीटी) ने बैठक में भाग लिया.
तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल में वामपंथियों के साथ-साथ विपक्ष में शामिल कांग्रेस के साथ टीएमसी के संबंध असहज हैं, ये बात किसी से छिपी नहीं है. पार्टी ने 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी की अयोग्यता पर शुरू में एक सोची-समझी चुप्पी बनाए रखी थी. यहां तक कि बीजेपी द्वारा विपक्षी नेताओं को कथित रूप से निशाना बनाने के खिलाफ एकजुट विपक्ष के व्यापक आह्वान के बीच भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. बता दें कि टीएमसी अतीत में विपक्षी रणनीति बैठकों में शामिल होने से बचती रही है, जिसमें कांग्रेस हिस्सा थी.
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस-वाम गठबंधन पर भाजपा के साथ ‘अनैतिक गठबंधन’ करने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दोनों के साथ किसी भी तरह की साझेदारी नहीं करेगी. बनर्जी ने दावा किया कि “भगवा खेमे की मदद” मांगने के बाद कांग्रेस को खुद को भाजपा विरोधी कहने से बचना चाहिए