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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकेत दिए हैं कि युवाओं को राजनीति में तवज्जो दी जानी चाहिए. विधानसभा चुनाव 2018 में युवाओं को तवज्जो देते हुए टिकट बांटे गए थे. इसके लिए खराब परफार्मेंस वाले करीब 8 विधायकों का पत्ता भी काटा गया. इस बार भी इसी फार्मूले के तहत कांग्रेस करीब 20 विधायकों पत्ता गोल कर सकती है.
त्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को कुछ ही दिन बचे हैं. सभी राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवारों का बायोडाटा खंगाल रही हैं. कांग्रेस में यह कवायद तेज है. पीसीसी चीफ दीपक बैज की अगुआई में 22 सदस्यीय चुनान समिति भी गठित हो गई. पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रखने वाले जिला अध्यक्षों से कांग्रेस ने इस्तीफा लिया था और करीब 8 विधायकों को पत्ते काटे थे. टिकट देते समय युवाओं और महिलाओं पर फोकस था. इस बार भी कांग्रेस यदि यही फार्मूला अपनाती है तो 71 में करीब 20 विधायकों का टिकट कटना तय है. क्या वाकई इससे कांग्रेस का फायदा होगा या झेलना पड़ सकता है नुकसान, आईए जानने की कोशिश करते हैं.
कहा जा रहा है कि उम्मीदवार को जांचने परखने के लिएचुनाव के पहले राजनीतिक दल चार पांच सर्वे कराते हैं. लास्ट सर्वे के बाद रिपोर्ट दिल्ली भेज दी जाती है. दिल्ली में बैठे नेता रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद उसी से आधार टिकट बांटते हैं. कांग्रेस ने भी इसके लिए सर्वे कराए हैं. सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में कराए गए सर्वे में 71 में से लगभग 20 विधायक ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है, जिनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस इनके टिकट काट सकती है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस जी जान से जुट गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 22 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति की घोषणा की है, जिस पर उम्मीदवार फाइनल करने का जिम्मा है. पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को इसका अध्यक्ष बनाते हुए पूरे चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है. उनके सहयोग के लिए चुनाव समिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, अनिला भेड़िया, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, रूद्र गुरु और मोहन मरकाम को रखा गया है. तीनों राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय, राजेश तिवारी, पारस चोपड़ा और वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ला सहित महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष को भी समिति में शामिल हैं.
विधानसभा चुनाव 2023 में भी कई ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया गया था. इसके अलावा भी कई ऐसे नेता हैं, जो अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. उन्हें भी उम्मीद है कि पार्टी इस बार चुनाव में उतरने का मौका देगी. इसके लिए यह दावेदार अभी से ही मैदान में उतर गए हैं. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगाने में जुट गए हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के सामने टिकट वितरण एक बड़ी चुनौती साबित होगी.
यह चुनाव के फार्मूला तय होने के बाद निर्धारित किया जाएगा, जिसके तहत कई बातों को देखा जाता है. कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात की जाती है. विधायकों के परफॉर्मेंस में कई मुख्य बिंदु शामिल होते हैं. उसके आधार पर ही पार्टी टिकट वितरण करती है. -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस