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भिलाई। छत्तीसगढ़ में सीएम और डिप्टी सीएम की शपथ के बाद अब केबिनेट गठित करने की प्रक्रिया ते•ा हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज ही दिल्ली के लिए रवाना हुए। वे केबिनेट गठन को लेकर आलाकमान से चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि कल 16 दिसम्बर को शाम 4 बजे से खरमास प्रारम्भ हो रहा है। इससे पहले ही नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की कोशिशें की जा रही है। मान्यता है कि खरमास के पूरे 30 दिनों तक कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। फिलहाल राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन भी दिल्ली में हैं। उनके भी कल ही लौटकर आने की सूचना है। ऐसे में शनिवार को दोपहर तक नए मंत्री शपथ ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण समारोह में उप मुख्यमंत्रियों सहित 10 मंत्रियों के भी शपथ लेने की तैयारी की गई थी, लेकिन अंत समय में मंत्रियों के शपथ का कार्यक्रम रोक दिया गया। सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल की जो सूची बनाई गई थी, उसे दिल्ली से स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद एक नई सूची तैयार की गई है। इस सूची के नामों को आलाकमान से मंजूरी मिलने की खबर है। फिलहाल ये नाम लिफाफे में बंद हो चुके हैं। चर्चा है कि 16 दिसंबर तक मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। सीएम के शपथ ग्रहण के लिए आयोजन स्थल साइंस कालेज में तीन अलग-अलग मंच बनाए गए थे। एक मंच में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा दो मंचों पर वीवीआइपी की व्यवस्था थी। इन्हीं वीवीआइपी मंचों पर मंत्रियों को बिठाया जाना था। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रोटोकाल के तहत सभास्थल पर मंत्रियों के लिए गाडिय़ां भी खड़ी करवा दी थी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल के लिए नई सूची बनाने के बाद उसे आलाकमान की मंजूरी भी मिल गई है। सीएम और डिप्टी सीएम की तर्ज पर केबिनेट मंत्रियों के नाम भी लिफाफे में कैद है। हालांकि सीएम विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे के साथ ही कयासों का दौर भी शुरू हो गया है। मंत्रियों के नामों को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही है। कहा जा रहा है कि सभी पांचों संभागों को मंत्रिमंडल में पर्याप्त महत्व दिए जाने की तैयारी है। जिन नामों की सर्वाधिक चर्चा है, उनमें – बृजमोहन अग्रवाल, रेणुका सिंह (या लता उसेंडी), अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी, ओपी चौधरी, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, रामविचार नेताम, धरमलाल कौशिक, दयालदास बघेल (या डोमन लाल कोर्सेवाडा) के नाम शामिल है। हालांकि पार्टी आलाकमान और प्रादेशिक नेतृत्व ने भी यह संकेत दिया है कि इस बार नए और पुराने दोनों तरह के विधायक मंत्री बनेंगे। ऐसे में प्रचलित और चर्चित नामों में कटौती भी हो सकती है।
दिल्ली से कल लौटेंगे राज्यपाल
इधर, शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन दिल्ली चले गए थे। वे कल यानी शनिवार को राजधानी रायपुर लौट रहे हैं। इसके बाद ही शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शपथ ग्रहण कहां होगा। मुख्यमंत्री व दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने साइंस कालेज मैदान में एक भव्य समारोह में शपथ ली थी। राजभवन सचिवालय के अनुसार, राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंद बुधवार की रात दिल्ली रवाना हुए थे। दिल्ली से कल 16 दिसंबर को सुबह लगभग 11 बजे राजधानी रायपुर लौट सकते हैं। इधर खरमास को देखते हुए 16 दिसंबर को दोपहर 12 बजे शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
..इस गणित से धरे रह जाएंगे सारे दावे
2018 में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 4, 3, 3, 2, 1 का फार्मूला तैयार किया था। इस फार्मूले के तहत भूपेश बघेल मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा एसटी वर्ग के 4 मंत्री बनाए गए। 3 ओबीसी और 3 जनरल वर्ग के नेताओं को शामिल किया गया। इसके साथ ही एससी वर्ग से 2 और अल्पसंख्यक वर्ग से 1 नेता को मंत्रिमंडल में जगह मिली। ठीक इसी तर्ज पर भाजपा भी आदिवासी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को ज्यादा तवज्जो दे सकती है। यदि ऐसा होता है कि वर्तमान में चल रहे प्रचलित नामों में बुरी तरह से हेरफेर होगा। क्योंकि मुख्यमंत्री और 2 उपमुख्यमंत्री मिलाकर केबिनेट में तीन की संख्या हो चुकी है, इसलिए अब मामला 10 चेहरों पर टिका है। सीएम आदिवासी, दोनों डिप्टी सीएम ओबीसी व सामान्य वर्ग से हैं। ऐसे में बस्तर क्षेत्र से पूर्व मंत्री लता उसेंडी, केदार कश्यप, विक्रम उसेंजी जैसे नेता मंत्रिमंडल की लाइन में हैं। दुर्ग संभाग से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है। कवर्धा से विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जा चुका है, लेकिन चौंकाने वाली खबर आ रही है कि साजा क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता रविन्द्र चौबे को हराने वाले ईश्वर साहू को केबिनेट में जगह मिल सकती है। रायपुर संभाग में सतनामी समाज से 2 नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। इसमें सबसे आगे गुरु खुशवंत साहेब का नाम है। क्योंकि वे चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में आए है। राज्य में 13 प्रतिशत एससी जनसंख्या है. इसलिए पार्टी सतनामी समाज के धर्मगुरु को नाराज नहीं करना चाहेगी। इसके बाद महिला आरक्षण बिल को तवज्जो देते हुए भाजपा 2 महिलाओं को भी कैबिनेट में जगह दे सकती है। इसमें तीन नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है- लता उसेंडी, रेणुका सिंह और गोमती साय। वहीं ओबीसी वर्ग की बात करें तो बिलासपुर संभाग से अरुण साव को डिप्टी सीएम बनाया गया है। लेकिन ओबीसी वर्ग के कई बड़े नेता बिलासपुर में मौजूद है। ओबीसी समाज से पुराने चेहरों को दरकिनार किया जाता है. तो रायगढ़ से ओपी चौधरी का नाम संभावित कैबिनेट में हो सकता है। इसके अलावा ओबीसी में कुर्मी समाज से किसी विधायक को पार्टी मंत्री बना सकती है। अगर भाजपा, रमन कैबिनेट के मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं देती है. तो बृजमोहन अग्रवाल,राजेश मूणत,अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और पुन्नू लाल मोहले का पत्ता कट जाएगा। हालांकि पार्टी नए पुराने नेताओं का संतुलन बैठा कर कैबिनेट का गठन कर सकती है.। इस लिहाज से एक-दो पुराने नेताओं को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।