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रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल- 2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का 25 अक्टूबर को समापन समारोह का आयोजन मेला स्थल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने बताया कि चार दिवस में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए लगभग 25 हजार कृषकों और विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 3 हजार विद्यार्थियों ने भी प्रक्षेत्र भ्रमण एवं मेले में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि यहां लगे किसान मेला में स्व-सहायता समूहों ने लगभग 5 लाख रूपये से अधिक का उत्पाद विक्रय किया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्यगण रामसुमन उइके एवं श्रीमती जानकी सत्यनारायण चन्द्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने उद्बोधन में बताया कि एग्री कार्नीवाल- 2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में आयोजित जॉब फेयर एवं अन्तर्राष्ट्रीय एजुकेशन फेयर में विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर शामिल हुए और लगभग 85 विद्यार्थियों को जॉब का आफर भी प्राप्त हुआ। इस एग्री कार्निवाल की विशेषता रही कि किसान मेले के साथ-साथ कृषि संबंधी रोजगार सृजन एवं नवीन तकनीकों पर भी विभिन्न कार्यशालाओं यथा ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पाद के निर्यात की संभावनाओं’’, ‘‘एग्री स्टार्टअप’’, ‘‘जलवायु कुशल कृषि एवं प्राकृतिक खेती’’, ‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’, ‘‘जैव विविधता पर प्रदर्शनी’’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश एवं देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ में कृषि के विकास के नये आयामों के लिए अपने-अपनेे विचार प्रस्तुत किये जिससे भविष्य में कार्ययोजना के रूप में परिणित किया जा सकेगा। संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर छत्तीसगढ़ में कृषि विकास को नई दिशा प्राप्त होगी और राज्य में किसानों की आय की वृद्धि होने से विकसित भारत की संकल्पना साकार होगी।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ के चतुर्थ दिवस आज 25 अक्टूबर को ‘‘जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फॉर डिजिटल एग्रीविलेजेस’’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की मुख्य अतिथि पद्मश्री फूलबासन बाई यादव और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. ए. दंडपाणी, प्रमुख वैज्ञानिक, नार्म हैदराबाद एवं डॉ. टी.एन. सिंह, डी.डी.जी. एवं एस.आई.ओ. एन.आई.सी. रायपुर उपस्थित रहे।
एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। उन्होंने बदलते परिवेश में इंटरनेट के प्रसार से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि तकनीक, मौसम, रोग व्याधि प्रबंधन एवं मार्केटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भविष्य में भूमिका के अनुरूप नये ‘‘डिजीटल टूल्स’’ विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजीटल तकनीक के उपयोग के लिए युवा पीढ़ी की क्षमता विकास के लिए निरंतर प्रशिक्षण किए जाने की जरूरत को भी प्रतिपादित किया। इस कार्यशाला में लगभग 300 प्रतिभागी उपस्थित रहे, जिसमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ एवं विद्यार्थी शामिल रहे।
इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉ. अनुराग सिंह एवं डॉ. श्रीविशाल त्रिपाठी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर, डॉ. ए. दंडपाणी, नार्म, हैदराबाद, डॉ. आलोक श्रीवास्तव, नवसारी गुजरात, डॉ. इमरान खान, श्रीनगर, डॉ. रवि आर. एक्सेना एवं अभिजीत कौशिक, रायपुर ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।