भारत का एक ऐसा रोबोट जिसके सीने में धड़कता है दिल, बोलता 16 और समझता है 36 भाषाएं


मुरादनगर (एजेंसी)। गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित काइट कॉलेज के छात्रों ने वेस्ट मेटेरियल से अपना पहला ह्यूमनॉइड रोबोट बनाया। करीब डेढ़ साल में मात्र ढ़ाई लाख रुपये की लागत से आर्टिफिजिशियल इंटेजिलेंस रोबोट बनाया। यह अपने आप काम करेगा व सोलह भाषा बोल सकता है, रोबोट का नाम अनुष्का रखा गया।

काइट कॉलेज परिसर में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्रभारी निदेशक डॉ. अनिल अहलावत एवं संयुक्त निदेशक डॉ. मनोज गोयल ने बताया कि छात्रों ने देश का पहला रोबोट तैयार किया है, उसके दिल की धड़कन भी सुनाई देगी, यह अपनी हयूमन से चलेगी।

इतना ही नहीं रोबोट में खुद के समझने की तकनीक को बढ़ाया गया है। यह 36 भाषाओं को समझकर प्रतिक्रिया देता है, विश्व की अधिकत्तर सभ्याताएं रोबोट में शामिल हैं। डॉ. मनोज गोयल ने बताया कि रोबोट को बनाने में छात्र हर्ष व पीयूष की अहम भूमिका रही। इसे स्क्रेप मैटेरियल से बनाया गया, जिसमें महज 2.5 लाख रुपये का खर्च आया है। जबकि इस तरह के रोबोट को बनाने में अन्य संस्थानों में 50 लाख से अधिक का खर्च वहन किया।

इस ह्यूमनॉइड रोबोट को इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग के तहत चलने वाले सेंटर ऑफ रोबोटिक्स एंड मेक्ट्रोनिक्स द्वारा डिजाइन किया गया है। बताया कि रोबोट अनुष्का की क्षमताएं अद्वितीय हैं, जिमसें होम ऑटोमेशन और स्वायत्त नेविगेशन जैसी विशेषताएं शामिल हैं। नवाचार का यह स्तर मानव-रोबोट संपर्क में क्रांति लाने और रोबोटिक क्षमताओं के लिए एक नया मानक स्थापित करने में अनुष्का की भूमिका को उजागर करता है।